लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ठप उद्योग-धंधों और चैपट व्यापार के लिए सपा व बसपा को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि 15 सालों के कुशासन व भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश का किसान, व्यापारी और नौजवान सब बेहाल हैं। गुंडे-बदमाशों को अखिलेश सरकार का खुला संरक्षण है। ध्वस्त कानून-व्यवस्था और असुरक्षित माहौल के कारण छात्राओं का स्कूल जाना दूभर हो गया है और महिलाओं का आबरू खतरे में हैं। जनता में सपा, बसपा व कांग्रेस को लेकर गुस्सा है और भाजपा का सुशासन व विकास के वादे पर भरोसा करते हुए जनता कमल के फूल को बहुमत से विजयी बनाने की ओर बढ़ रही है।
श्री गंगवार ने कहा कि प्रधानमं़त्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार और गरीबी मिटाने के सफल कार्यक्रम का नतीजा है कि प्रदेश में भाजपा के पक्ष में लहर चल रही है। केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार पर न केवल लगाम लगाई है, बल्कि कालाधन के खिलाफ युद्धस्तर पर अभियान चलाकर देश को ईमानदारी के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी कर कालाधन, जाली मुद्रा और आतंकवाद, नक्सलवाद, हवाला की कमर तोड़ने के लिए सफल प्रहार किया है। तमाम परेशानियों के बावजूद देश की जनता नोटबंदी पर प्रधानमं़़त्री मोदी के फैसले के साथ खड़ी है। भ्रष्टाचार पर केंद्र सरकार के जीरो टालरेंस का नमूना यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के पोर्टल पर नोटबंदी के बाद बैंक मैनेजरों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की 800 शिकायतें आई थीं और इन 800 मैनेजरों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई।
श्री गंगवार ने कहा कि एक ओर जहां केंद्र सरकार ने समूह ग की नौकरियों में साक्षात्कार खत्म कर भर्तियों में भ्रष्टाचार की गंुजाइश ही खत्म कर दी। वहीं प्रदेश की अखिलेश सरकार ने लोक सेवा आयोग जैसे संवैधानिक संस्था को भी भ्रष्टाचार व लूट का अड्डा बना दिया। अखिलेश ने जाति विशेष और धनबलियों को भर्ती आयोगों का अध्यक्ष बनाकर खुलेआम लूट-खसोट करवाई। अखिलेश सरकार ने अयोग्यता और दागी होने के बावजूद लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पर अनिल यादव की नियुक्ति की। यादव ने आयोग को जाति विशेष की भर्ती और माल कमाऊ अभियान छेड़कर प्रदेश के होनहार व योग्य अभ्यर्थियों को अफसरी के अवसर से वंचित कर दिया।
सपा राज में अन्य विभागों में भी भर्तियां पैसा लेकर और जाति व धर्म के आधार पर की गईं। भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चरित्र दोहरा है। मुख्यमंत्री बलात्कार और खनन घोटाले के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति, बलात्कार व हत्या के आरोपी सपा विधायक अरुण वर्मा को गिरफ्तार करने के बजाय इन नेताओं के प्रति सहानुभूति और मेहरबानी लुटा रहे हैं। यह अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र ही है कि जिन सपा नेताओं की जगह जेल के भीतर होनी चाहिए, उनके लिए वे वोट मांग रहे हैं।
श्री गंगवार ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश के 52 लाख लोगों को मुद्रा ऋण देकर उद्यमी बनाने के साथ दो करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए। केंद्र ने देश के प्रत्येक बैंक को निर्देश दिया है कि प्रत्येक शाखा बिना गारंटी लोन देकर और वित्त, कारपोरेट व परियोजना परामर्श के साथ एक महिला और एक दलित उद्यमी तैयार करें। लेकिन अखिलेश सरकार काम के बजाय केवल कारनामे कर रही है।
मोदी सरकार ने निवेशकों को उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए भेजा, लेकिन प्रदेश की अखिलेश सरकार ने इन निवेशकों को जमीन ही नहीं दिया। प्रदेश में ये निवेश हुए होते तो उद्योग-धंधों का विकास होता और हजारों लोगों को रोजगार मिलता। सपा व बसपा सरकारों को न तो नौजवानों को रोजगार दिलाने की चिंता है और न ही प्रदेश के विकास और सुरक्षा की। सपा, बसपा व कांग्रेस को सरकारी संसाधनों को लूटकर अपने नेताओं-मं़ित्रयों की तिजोरी भरने की फिक्र है। प्रदेश की जनता ने ऐसी निकम्मी पार्टियों को बाहर बिठाकर भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।
भाजपा की सरकार आने पर प्रदेश की बहन-बेटियों का सम्मान सुरक्षित किया जाएगा और प्रदेश के हर क्षेत्र का विकास, 24 घंटे बिजली, शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था मुक्कमल की जाएगी। भाजपा की सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचारी कानून के शिकंजे में होंगे और गुंडे-बदमाश जेल में।