नई दिल्ली, 18 फ़रवरी भारत और कजाखस्तान के बीच 25 वर्ष की प्रतीक्षा के बाद आज वह घड़ी आ गई जब दोनो देशों का मैत्री संगठन बना है। भारत कजाखस्तान मैत्री संगठन की नीँव भारत में कजाखस्तान के राजदूत बुलत सरसेनबायेव ने रखी। इस मौक़े पर भारत कजाखस्तान मैत्री संगठन के महासचिव चमन एवं कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

इस अवसर पर राजदूत बुलत सरसेनबायेव ने कहाकि भारत और कजाखस्तान के संबंध ऐतिहासिक हैं। जब 1991 में कजाखस्तान ने सोवियत रूस से स्वतंत्रता की घोषणा की तो उसके तुरन्त बाद राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने जो पहली विदेश यात्रा की, वह भारत की थी। उन्होंने इस अवसर पर कहाकि भारत और कजाखस्तान के बीच कारोबार बढ़ रहा है और दोनों देश ईरान के बन्दरगाह बन्दर अब्बास और गुजरात के मुन्द्रा पोर्ट से जुड़कर कजाखस्तान तक पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें ईरान और तुर्कमेनिस्तान रेल मार्ग से हमारी मदद कर रहा है। उन्होंने भारत की २०० प्रतिष्ठित कम्पनियों के कजाखस्तान में कारोबार का जिक्र करते हुए कहाकि दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों में काफ़ी प्रगति आई है और पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बाद इन संबंधों में प्रगति काफ़ी अच्छी है। बुलत ने कहाकि वीज़ा नियमों को भारत के लिए काफ़ी सरलीकृत किया गया है और आने वाले दिनों में पर्यटकों, व्यापारियों और छात्रों को दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना तक सीधी हवाई सेवा के जल्द शुरू होने की आशा जताई और कहाकि लगातार वीज़ा की माँग बढ़ रही है और हमें लगता है कि आने वाले दिनों में दिल्ली से अस्ताना तक की हवाई सेवा की भी काफ़ी माँग रहेगी। बुलत सरसेनबायेव ने भारत की विशालता का ज़िक्र करते हुए कहाकि यह उनके लिए गौरव की बात है कि वह भारत में कजाखस्तान के राजदूत हैं। उन्होंने नई राजधानी अस्ताना की सु्न्दरता का जिक्र किया और साथ ही देश के केन्द्र में राजधानी होने की दलील दी। आपको बता दें कि आज़ादी के बाद से कजाखस्तान की राजधानी अलमाती थी जिसे बाद में नए बसाए गए शहर अस्ताना में शिफ्ट किया गया। अस्ताना दुनिया के सुन्दरतम् शहरों में शुमार किया जाता है। इस साल कजाखस्तान में होने वाली एक्सपो 2017 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि इसमें क्लीन एनर्जी पर कई देशों के प्रमुख और प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और अस्ताना के लिए यह काफ़ी गौरव की बात होगी।