लखनऊ: बी.एस.पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सपा व कांग्रेस पार्टी पर चुनावी वादाखिलाफी तथा आमजनता को असुरक्षा व घोर दुःखदायी सरकार देने का आरोप लगाते हुये कहा कि सैकड़ों करोड़ रुपयों को पानी की तरह बहाकर विज्ञापनों आदि के माध्यम से भी ये पार्टियाँ चाहे कितना ही वरग़लाने की कोशिश करती रहें परन्तु उत्तर प्रदेश की आमजनता को सबसे पहले अपनी व परिवार की सुरक्षा के साथ-साथ सम्मान के लिये यहाँ ’’कानून द्वारा कानून का राज’’ चाहिये, जिसकी शत-प्रतिशत गारण्टी केवल और केवल बी.एस.पी. का मजबूत नेतृत्व ही दे सकता है अन्य और कोई भी नहीं।

प्रधानमंत्री मोदी व विरोधी पार्टियों के अन्य शीर्ष नेताओं की आज प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में हुई रैलियों में दिये गये उनके फिर से लोक-लुभावन वायदों वाले भाषणों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र में बीजेपी व प्रदेश में सपा की सरकार को लोगों ने काफी परख लिया है और पाया कि वे पार्टियाँ व इनकी सरकार कितनी बड़ी वादाखिलाफी करके जनता के साथ विश्वासघात करने वाली पार्टियाँ हैं।

इसके अलावा, प्रदेश में सपा व केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली में बीजेपी ख़ासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में कितनी ज्यादा विफल सरकारें हैं। कानून द्वारा कानून के राज की स्थापना इनके वश की बात नहीं है। उत्तर प्रदेश ने बीजेपी का भी लगभग छह वर्षों का तीन मुख्यमंत्रियों का शासनकाल देखा है, परन्तु ये सरकारें भी जनता के विश्वास पर खरी उतरने में बुरी तरह से विफल हुई हैं, जबकि इस मामले में बी.एस.पी. की चार बार यहाँ रही सरकार पूरी तरह से जनता की परखी व आज़मायी हुई है और साथ ही उनका यह अटूट विश्वास है कि कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित व जनकल्याण के मामले में केवल बी.एस.पी. के मज़बूत व अपने वायदों पर अटल रहने वाली मज़बूत नेतृत्व पर ही भरोसा किया जा सकता है अन्य और किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

मायावती ने कहा कि बी.एस.पी. की उत्तर प्रदेश में रही सभी चार बार की सरकार सर्वसमाज के ग़रीबों, मजदूरों, शोषितों, पीड़ितों एवं विभिन्न क्षेत्रों में लगे लोगों के साथ-साथ दलितों, पिछड़ां व अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण में ’’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति वाली सरकार’’ रही है और यह कांग्रेस पार्टी को हज़म नहीं हुआ और ना ही बीजेपी को और इन दोनों ही पार्टियों के पेट में दर्द होता रहा।

यही कारण है कि वे पार्टियाँ केन्द्र की सत्ता का दुरूपयोग करके बी.एस.पी. नेतृत्व को बदनाम करने व बी.एस.पी. मूवमेन्ट को समाप्त करने के लिये भ्रष्टाचार आदि का षडयंत्र रचते रहे, परन्तु अन्ततः न्याय की जीत हुई और इन दोनों ही पार्टियों का षडयंत्र विफल रहा। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी जब अपने भाषणों में बी.एस.पी. पर ’भ्रष्टाचार के गलत आरोप’ का ज़िक्र करते हैं तो यह उन्हें उनकी पद की गरिमा के हिसाब से बिल्कुल भी शोभा नहीं देता है। देश के प्रधानमंत्री को इतने नीचे स्तर पर कभी नहीं गिरना चाहिये और ना ही इतने निचले स्तर की राजनीति करनी चाहिये, यह देशहित में शुभ संकेत को नहीं दर्शाता है।

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा आमचुनाव के मद्देनज़र ख़ासकर ’विकास’ के नाम पर केवल वायदे, घोषणायें, बिना बजट स्वीकृत योजनाओं का भूमिपूजन, शिलान्यास व आधे-अधूरे कार्यों का उद्घाटन करने के लिये प्रदेश के सपा सरकार के मुखिया के साथ-साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व इनकी सरकार के मंत्रीगण भी दोषी हैं। ऐसी ग़लत परम्परा को कायम करके उन दोनों ही सरकारों ने जनता की आँखों में धूल झोंकने का आम किया है, जिसके लिये प्रदेश की आमजनता सपा व बीजेपी दोनों ही सरकारों को माफ करने वाली नहीं है।