अमेरिकी जज ने ट्रंप के आदेश पर लगाई रोक

वाशिंगटन: ईरान-इराक समेत सात मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तगड़ा झटका लगा है। सिएटल की संघीय अदालत ने शुक्रवार को इस आदेश पर देशव्यापी रोक लगा दी।

जज जेम्स रॉबर्ट ने कहा कि जब तक वाशिंगटन राज्य के अटार्नी जनरल बॉब फग्यूर्सन की शिकायत की पूर्ण समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक यह फैसला देश भर में लागू रहेगा। फैसले पर फग्यूर्सन ने कहा कि रॉबर्ट का फैसला तत्काल प्रभावी हो गया है। कानून से ऊपर कोई भी नहीं है, राष्ट्रपति भी नहीं। रॉबर्ट को पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने वर्ष 2003 में जज नामित किया था।

रॉबर्ट ने कहा कि अस्थायी रोक का यह आदेश संघीय अधिकारियों को प्रतिबंध के उन हिस्सों को लागू करने से रोकता है, जो सात मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले प्रवासियों और शरणार्थियों को निशाना बनाते हैं। गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले सप्ताह एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करके इराक, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन से आने वाले यात्रियों पर कड़े नए नियंत्रण लगाए थे और शरणार्थियों के आगमन पर रोक लगा दी थी। चरमपंथी इस्लामिक आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने का हवाला देते हुए यह कदम उठाया गया था। इन सात देशों के करीब 60 हजार लोगों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोका गया है।

राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, न्याय मंत्रालय इस आदेश को जल्द से जल्द रुकवाने के लिए याचिका दायर करेगा। सरकार का मानना है कि राष्ट्रपति का शासकीय आदेश कानून संगत और उचित है।

भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि यह स्वागतयोग्य फैसला है। यह फैसला सिएटल की एक अदालत से आया है और उन्हें गर्व है कि उनका शहर सिएटल मानवाधिकारों की रक्षा के लिए नेतृत्व कर रहा है। डेमोक्रेट सीनेटर चार्ल्स शूमर ने जज के इस फैसले को संविधान की विजय बताया।

एयर फ्रांस और कतर एयरवेज जैसी एयरलाइनों ने कहा है कि उन्होंने अमेरिकी जाने वाली फ्लाइटों में उन सात मुस्लिम देशों के नागरिकों को टिकट देने की इजाजत दे दी है, जिन पर पाबंदी लगाई गई थी। अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों ने इसकी मंजूरी दे दी है।