लखनऊ: सपा और कांग्रेस के बीच गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाली अमेठी और रायबरेली की सीटों पर चल रही रस्‍साकशी पर विराम लगता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक 10 में से आठ सीटें कांग्रेस को देने पर सपा सहमत हो गई है. उल्‍लेखनीय है कि पिछले बार यहां की 10 में से आठ सीटें यहां से सपा ने जीती थी. इस बार भी सपा इन्‍हीं सीटों पर लड़ने पर अड़ी थी लेकिन गठबंधन होने के बाद कांग्रेस इनमें से अधिकांश सीटों पर लड़ने की इच्‍छा जता चुकी थी. हालांकि इस मसले पर लगातार जारी गतिरोध के बाद दोनों पक्षों ने उस वक्‍त नरमी के संकेत दिए थे जब पिछले रविवार को संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने अखिलेश यादव की उपस्थिति में कहा था कि ये कोई मसला नहीं है. इसको आसानी से सुलझा लिया जाएगा.

हालांकि अभी भी प्रतिष्ठित अमेठी विधानसभा सीट पर तस्‍वीर साफ नहीं है. दरअसल पिछली बार इस सीट से सपा के उम्‍मीदवार गायत्री प्रसाद प्रजापति ने जीत हासिल की थी. उसके बाद उनका सरकार में इतना रुतबा बढ़ा कि वह एक साल के भीतर ही तीन प्रमोशन पाकर कैबिनेट मंत्री बन गए. हालांकि यह भी माना जाता है कि अखिलेश यादव उनको पसंद नहीं करते लेकिन प्रजापति को मुलायम का बेहद करीबी माना जाता है. इसलिए अखिलेश द्वारा कैबिनेट से बर्खास्‍त होने के बाद भी उनकी वापसी हो गई.

सपा में मचे घमासान के बावजूद उनको कैबिनेट से नहीं हटाया गया. मुलायम सिंह और शिवपाल यादव की पहली सूची में अमेठी से गायत्री प्रसाद प्रजापति का ही नाम था. बाद में सपा में सुलह होने के बाद मुलायम ने जो अपने 38 समर्थकों की सूची अखिलेश को दी, उसमें भी गायत्री प्रसाद प्रजापति का नाम था. कहा जाता है कि मुलायम यह मानते हैं कि गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से प्रजापति ने जीत हासिल कर बड़ा काम किया. इसलिए उनको सम्‍मान दिया गया.

दूसरी तरफ कांग्रेस इस सीट पर अमेठी के राजा संजय सिंह की पत्‍नी अमिता सिंह को उतारना चाहती है. इस क्षेत्र की सीटों पर चौथे और पांचवें चरण में मतदान होगा.