नई दिल्ली: मोदी सरकार ने नोटबंदी के लेकर जितनी अपनी पीठ थपथपाई, उससे ज्याद उसे अब इस बात की चिंता खाए जा रही है कि पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में जनता की नाराजगी का शिकार न होना पड़े. सरकार अब लगातर सफाई देती नजर आ रही है. इसका साफ असर वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट में देखने को मिला. वित्त मंत्री जेटली का शुरुआती बजटीय संबोधन नोटबंदी पर ही केंद्रित रहा. उन्होंने अपने बजट भाषण में दर्जनों बार नोटबंदी का जिक्र किया. कभी उसके तात्कलिक फायदे गिनाए तो कभी दीर्घकालिक नतीजे अच्छे प्राप्त होने का भरोसा दिया.

वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी की साफ और सच्ची तस्वीर सामने आएगी, अर्थव्यवस्था स्वच्छ होगी. जेटली ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में टैक्स की चोरी करना जनता की आदत हो गई थी, इससे गरीबों का नुकसान था. नोटबंदी से ब्‍लैकमनी, फेक करंसी और टेरर फंडिंग पर लगाम लगेगी. नोटबंदी से बैकों की क्षमता बढ़ी नोटबंदी से टैक्स कलेक्शन बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि 2017 में विकास की गति तेज होगी, सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाई, नोटबंदी भी बड़ा कदम रही है. जीएसटी और नोटबंदी दो ऐतिहासि फैसले हैं. नोटबंदी से होने वाले फायदे गरीबों तक पहुंचाए जाएंगे, बैंक भी कर्ज की दरों को कम कर पाएंगे. वित्त मंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि नोटबंदी की परेशानियां जल्द समाप्त होंगी, अगले वर्ष तक समस्या नहीं जाएगी. नोटबंदी के बाद उन्होंने JAM यानी जनधन, आधार और मोबाइल बैकिंग पर सबसे ज्यादा जोर दिया.