चेन्नई: तमिलनाडु में रविवार को जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई. ये दोनों लोग सांडों को काबू करने के दौरान घायल हो गए थे. अस्पताल ले जाने के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया.
पुडुकोट्टई जिले में रविवार को जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोगों को मामूली चोटें आईं। वहीं इस खेल के आयोजन के लिए एक ‘स्थायी समाधान’ की मांग को लेकर मदुरै में प्रदर्शन के दौरान शरीर में पानी की कमी से एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि पुडुकोट्टई में कई लोगों और सांडो ने जल्लीकट्टू में हिस्सा लिया और इस दौरान इस घटना में घायल हुए लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश लाए जाने के साथ पुडुकोट्टई जिले में रपुसाल सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस खेल का आयोजन किया गया। पुडुकोट्टई के रपुसाल में जल्लीकट्टू के दौरान एक सांड द्वारा सींग घुसा देने से दो लोगों की मौत हो गई। इस बीच, मदुरै में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे 48 वर्षीय चन्द्रमोहन की डिहाइड्रेशन के चलते मृत्यु हो गई। तिरच्च्नेलवेली में लड़कियों सहित कुछ विद्यार्थी विरोध प्रदर्शन में बेहोश हो गए जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।
वहीं, मदुरै के आलंगनल्लूर में विरोध प्रदर्शन जारी रहे जहां लोगों ने स्थाई समाधान की मांग करते हुए सांड़ को काबू में करने के इस खेल के आयोजन से इनकार कर दिया और इस वजह से मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को बिना उद्घाटन किए चेन्नई लौटना पड़ा। पनीरसेल्वम ने शनिवार को कहा था कि वह सुबह 10 बजे आलंगनल्लूर में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। चेन्नई के मरीना बीच समेत राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारी अब भी डटे हुए हैं। मरीना बीच पिछले छह दिन से प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है। प्रदर्शनकारी इस खेल के आयोजन के लिए स्थाई समाधान और पशु अधिकार संगठन पेटा पर पाबंदी लगाने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे
हैं। प्रदर्शनकारियों ने जहां आयोजन के स्थाई समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थाई उपाय है तो पनीरसेल्वम ने कहा, ‘राज्य सरकार का जल्लीकट्टू पर अध्यादेश का रास्ता स्थाई, सशक्त और टिकाऊ है और इसे आगामी विधानसभा सत्र में कानून बनाया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल चेन्नई में शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा, जिसके बाद अध्यादेश की जगह कानून ले लेगा।