नई दिल्ली: आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने यूपी चुनाव से ठीक पहले आरक्षण पर एक बड़ा बयान दिया है. मनमोहन वैद्य ने आज जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा है कि आरक्षण का इतने सालों में कोई फायदा नहीं हुआ है. ऐसे में इस पर अब विचार करना चाहिए. सबको अब समान रूप से अधिकार मिलने चाहिए.

मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरक्षण पर एक नये सिरे से विचार करना चाहिए और सभी समुदाय के लिए करना चाहिए. आजादी के बाद हमारा समाज इतना पिछड़ा क्यों है और गरीब, अशिक्षित क्यों है तो इसको देखना चाहिए.

एससी और एसटी के लिए अलग से अधिकार दिए गये हैं. उनको बहुत समय से संसाधनों से दूर रखा गया है. इसलिए उनको शक्ति देने के लिए और समान अवसर देने के लिए इस आरक्षण की व्यवस्था की गई है. डा अंबेडकर ने भी कहा था कि आरक्षण बहुत दिनों तक देना सही नहीं है. ये अलगाववाद को बढ़ावा देने की बात है. तो सबको समान अवसर एक समय के बाद मिलना चाहिए, ये हमारा सोचना है।

आरएसएस के प्रचार प्रमुख ने कहा कि भारत में हमेशा स्टेट सेक्यूलर ही रहा है. राजा ने कभी भारत में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है. संविधान सभा के समय सबको इस शब्द के बारे में पता था. उन लोगों ने इस पर चर्चा की और उस पर अमल किया गया. संविधान में तथाकथित अल्पसंख्यकों को बहुत सारे अधिकार दिए गये हैं, जिसकी आवश्यकता नहीं थी. सबको समान रूप से अधिकार मिलने की आवश्यकता है. हिंदुत्व में ऐसी परम्परा नहीं रही है. सबको समान रूप में रखना चाहिए. इससे सभी को समान अवसर नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए इसको फिर से देखने की जरूरत है. हालांकि बाद में मनमोहन वैद्य ने सफाई दी कि पिछड़े लोगों को आगे लाने के लिए किसी व्यवस्था की जरूरत हो तो होनी चाहिए, लेकिन इतने सालों में भी आरक्षण से फायदा नहीं हुआ तो इसकी भी जांच होनी चाहिए. वैद्य ने कहा कि उनके बयान का यूपी चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.