लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि एटा में हुई स्कूल बस दुर्घटना मेें मृत बच्चों के परिजनों के साथ पूरा प्रदेश भी इस दुर्घटना के पीछे के तथ्य को जनता के सामने लाने की आवश्यकता है।

श्री पाठक ने कहा कि सैंफई कुनबे की सरपरस्ती में एटा में बिना मान्यता के तीन साल से स्कूल चलता रहा। यह सत्ता का ही रूआब है कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में गैर कानूनी रूप से स्कूल चल रहा है, 400 से ज्यादा बच्चों का दाखिला बताया गया है, बिना परमिट, बिना नम्बर के स्कूल बसें दौड़ती रही लेकिन सत्ता और शासन मौन रहता है। दुर्घटना के बाद मृत बच्चों के गले से आई कार्ड गायब कर दिये गये है । पुलिस कार्रवाई नहीं की।

श्री पाठक ने कहा कि दुर्घटना में एक दर्जन से अधिक मौतों के बाद एनपीआसी, एबीआरसी, एआरटीओ जैसे छोटे कर्मचारियों को निलम्बित किया गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी पर जांच बैठाकर काम खत्म कर दिया गया है। लेकिन यक्ष प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि 13 मौतों के गुनहगार जेएस विद्या निकेतन के प्रबंधक अजीत सिंह यादव, जोगराज यादव आदि पुलिस की गिरफ्त से दूर क्यों है। पुलिस समाजवादी परिवार के दबाव में आरोपियों पर हाथ डालने से कतरा रही है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि 13 मौतों की जबाब देही कुछ निलम्बनों और जांच से तय नहीं हो सकती। नौनिहालों की मौत की जिम्मेदार सपा सरकार है। सपाई गुर्गे धड़ल्ले से कानून की चिंता किये बगैर मनमानी कर रहे है। उन्होने मान्यता विहीन विद्यालय के प्रबन्धन और उसके सरपस्त सपाई अकाओं की गिरफ्तारी की मांग की। और कहा कि स्कूल प्रबंधन तथा उनसे जुड़े सपा के नेताओं पर आपराधिक केस दर्ज किया जाये। स्कूल प्रबंधन से जुड़े सभी लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए और मृतक बच्चों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।