इंस्टेंटखबर ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बसपा की सरकार बनने का भरोसा व्यक्त करते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि नोटबंदी का फैसला केंद्र की बीजेपी सरकार की सोची समझी साजिश है और राजनीतिक स्वार्थ में लिये गये इस फैसले से देश का आम आदमी अभी तक उबर नहीं पाया है।
मायावती ने यहां अपने 61वें जन्मदिन के मौके पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अपनी कमियों और विफलताओं से प्रदेश और देश की जनता का ध्यान बंटाने के लिए सोची समझी साजिश के तहत केन्द्र की बीजेपी सरकार ने राजनीतिक स्वार्थ में विधानसभा चुनाव घोषित होने से कुछ समय पहले आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला किया।’ उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले से देश की जनता विशेषकर मध्यम वर्ग अभी उबर नहीं पा रहा है। पचास दिन से ज्यादा बीत गये लेकिन अभी तक देश में हालात पहले की तरह सामान्य नहीं हुए। नोटबंदी से देश में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मायावती ने कहा, ‘देश भर में ये भी आम चर्चा है कि नोटबंदी का ये फैसला लेने से पहले दस महीने में बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी और राष्ट्रीय नेताओं और चंद पूंजीपतियों एवं धन्नासेठों के काले धन को पूरे तौर से ठिकाने लगवा दिया था।’ उन्होंने कहा कि इस बात में काफी कुछ सच्चाई इसलिए भी नजर आ रही है क्योंकि गत वर्ष हमारी पार्टी व परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा एक ‘रूटीन’ में नियमों के तहत बैंक खाते में जमा धन को भी बीजेपी व केन्द्र की सरकार ने सोची समझी राजनीतिक साजिश के तहत उसे मीडिया में ऐसे उजागर कराया जैसे कि ये हमारा धन काला धन है।

मायावती ने कहा कि बीजेपी और मोदी में थोड़ी सी भी ईमानदारी और सच्चाई है और वे खुद को पूरी तरह बेदाग और दूध के धुले समझते हैं तो नोटबंदी का फैसला लागू करने से पहले के दस महीने और आठ नवंबर के बाद का पार्टी नेताओं और पूंजीपतियों के बैंक खातों का ब्यौरा सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा, ‘इन खातों में कितना धन जमा हुआ और किन किन कार्यों पर कितना खर्च किया गया है, उसका भी हिसाब किताब देशवासियों के सामने देना चाहिए। लेकिन वे (बीजेपी) ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि इससे उनका असली चेहरा सामने आ जाएगा कि वे कितने बेदाग हैं।’

मायावती ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में बीजेपी एंड कंपनी के लोगों को अपने विरोधियों और उनके रिश्तेदारों के पास खासकर उनके काम को लेकर कुछ भी आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रहा है लेकिन फिर भी ये लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ में नैतिकता को दरकिनार करते हुए मान मर्यादा की हदों को पार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में खासकर बीएसपी की मजबूती देखकर और उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए बसपा कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने के मकसद से बीजेपी आये दिन कभी पार्टी तो कभी परिवार के लोगों पर आरोप लगा रही है।

मायावती ने कहा, ‘मेरे परिवार के लोग जो भी छोटा मोटा कारोबार पिछले कई साल से कर रहे हैं और यदि केन्द्र सरकार को उनके कारोबार में कुछ गड़बड़ी नजर आ रही थी तो ये लोग अब तक के आधे शासनकाल में क्या कर रहे थे। चुनाव के नजदीक आते ही मेरे परिवार में गड़बड़ी नजर आयी अर्थात चुनाव के दौरान पार्टी और परिवार में सभी कमियां नजर आने लगी हैं।’ जन्मदिन के मौके पर मायावती ने ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ पुस्तक का विमोचन भी किया।

बीजेपी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा है बीजेपी ने अपने लोकसभा चुनावी वायदों का एक चौथाई काम भी नहीं किया। बीजेपी मान मर्यादा भूल कर झूठी खबरें प्लांट करवाती है। चुनाव से पहले छवि धूमिल करने की कोशिशों का फायदा बीएसपी को ही होगा। उन्होंने बीजेपी पर सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर नाटकबाजी करने का आरोप भी लगाया है। मायावती ने कहा, बीजेपी दलित लोगों को लुभा रही है। उन्होंने कहा है कि अंबडेकर के नाम पर लोग न बहकें।

मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी हमला बोला है। मायावती ने कहा है कि अखिलेश सरकार ने जनता को लूटा है, उनके राज में दंगे हुए। कानून व्यवस्था बदहाल है, लोग परेशान हैं।

मायावती ने कहा है कि यूपी में कांग्रेस ऑक्सीजन पर चल रही है। उसे जनता गंभीरता से नहीं लेती। कांग्रेस-सपा के बीच गठबंधन की अटकलों के पीछे उन्होंने बीजेपी का हाथ बताया है।