पटना: अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में घिरे रहने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य तथा खेल मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) नेता अनिल विज ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आलोचना कर डाली, लेकिन चौतरफा आलोचना और कड़ी निंदा के बाद उन्हें अपने बयान को वापस लेना पड़ा.

दरअसल, खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर चरखा कातते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापे जाने के बाद हुए विवाद पर टिप्पणी करते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि महात्मा गांधी के नाम से खादी का कोई पेटेंट नहीं है. अनिल विज ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम खादी के साथ जुड़ने से खादी डूब गई थी. विज के मुताबिक, राष्ट्रपिता के मुकाबले पीएम नरेंद्र मोदी बेहतर 'ब्रांड नेम' हैं.

अंबाला से विधायक अनिल विज ने यह भी कहा था कि जिस दिन से भारतीय रुपये के नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो लगाई जा रही है, उस दिन से ही रुपये की कीमत कम हो गई है, और धीरे-धीरे भारतीय रुपये के नोटों पर से भी बापू की तस्वीर हटा दी जाएगी

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राज्य सरकार के मुखिया मनोहर लाल खट्टर तथा पार्टी नेता शाइना एनसी ने अनिल विज के बयान की कड़ी निंदा की. खट्टर ने विज के बयान से किनारा करते हुए कहा था, यह उनका व्यक्तिगत हैसियत में दिया गया बयान है, और इस बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी देशभर के आदर्श हैं, और उनके कारण देश की मुद्रा का अवमूल्यन नहीं हुआ. खट्टर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने चरखा सिर्फ खादी के प्रचार के लिए चलाया था, और इस प्रतीक का अर्थ बापू को रीप्लेस करना नहीं कहा जा सकता.