लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन होता है, तो कांग्रेस अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी नहीं करेगी। कांग्रेस और सपा का संयुक्त घोषणा पत्र होगा। विहार विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन ने संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।

कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुट के साथ गठबंधन पर बातचीत अंतिम दौर में हैं। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी और चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर चुनाव आयोग के फैसले के बाद औपचारिक तौर पर गठबंधन का ऐलान हो सकता है।

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ती है, तो बिहार की तर्ज पर दोनों पार्टियों का संयुक्त घोषणा पत्र होगा। बिहार में ‘नीतीश निश्चय, प्रगति के सात सूत्र’ की तरह पार्टी नेता उप्र में ‘ विकास के दस सूत्र’ जारी करने की संभावना जता रहे हैं । इनमें कांग्रेस की पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान यात्रा की मांग शामिल होंगी।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस किसान यात्रा के दौरान तीन प्रमुख मांगे थी। किसानों का कर्जा माफी, बिजली का बिल हॉफ और फसल के पूरे दाम। इन तीनों को संयुक्त घोषणा पत्र में जगह मिलेगी। वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की स्मार्ट फोन जैसी महत्व पूर्ण घोषणाएं और वादे भी विकास के सूत्रों का हिस्सा होगें।

गठबंधन की स्थिति में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की संयुक्त रैलियां भी होगीं। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी दोनों स्थितियों के लिए तैयारी कर रही है। क्योंकि, प्रचार शुरू होने में बहुत ज्यादा वक्त नहीं बचा है। पार्टी प्लान ‘बी’ के तहत अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में घोषणा पत्र के बिंदुओं पर चर्चा चल रही है।