लखनऊ: चुनावी गहमागहमी के बीच साइकिल निशान को लेकर सपाइयों में खासी गहमागहमी देखने को मिली। कार्यकर्ताओं के उत्साह से सबसे ज्यादा गुलजार पांच कालिदास मार्ग वाला मुख्यमंत्री आवास रहा। जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दिल्ली में रामगोपाल व दूसरे नेताओं के संपर्क में थे और चुनाव आयोग में साइकिल सिंबल को लेकर चल रही सुनवाई के बारे में अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री ने अपनी कोर टीम के साथ गठबंधन व सिंबल को लेकर भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री आवास के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व नेता सीएम से मिलने आए थे लेकिन इनकी मुलाकात नहीं हो सकी। इन लोगों में सिंबल साइकिल मिलने को लेकर खासी उम्मीदें दिखीं और इसका उन्होंने खासा इजहार किया। अखिलेश की जय के नारे भी खूब लगे।

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री का पूरा फोकस दिल्ली में आयोग में चल रही सुनवाई पर ही लगा रहा। साइकिल सिंबल को लेकर बेचैनी अखिलेश खेमे में कुछ ज्यादा ही देखी गई। इसकी वजह है कि इस खेमे में विधायक व टिकट के दूसरे दावेदारों को सिंबल पर ऊहापोह खत्म होने का इंतजार है। सबसे ज्यादा परेशानी तो पश्चिमी यूपी के उन नेताओं को है जिनके क्षेत्र में पहले चरण का चुनाव होने वाला है और 17 जनवरी से नामांकन शुरू होना है।

ऐसे में टिकट व सिंबल तय न होने के कारण खासी ऊहापोह व बेचैनी देखने को मिली। कुछ कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि हर हाल में सिंबल मुख्यमंत्री को ही मिलेगा। अखिलेश खेमे द्वारा नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि साइकिल सिंबल मुख्यमंत्री को ही मिलेगा और एक बार फिर अखिलेश के नेतृत्व में सपा सरकार बनाएगी। उधर शिवपाल खेमे में सन्नाटा रहा। सपा दफ्तर में भी कोई खास गहमागहमी देखने को नहीं मिली।