सुलतानपुर। खूखार अपराधियों के काकस को तोड़ने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन ने ठोस कदम उठाया। जेल से चल रहे खूनी खेल और आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए अधिवक्ता विजय प्रताप के हत्यारोपियों समेत आधा दर्जन खूखार अपराधी दूसरी जेलों में स्थानान्तरित कर दिया गया है। हालाकि कई और अपराधी अभी भी जिला प्रशासन की रडार पर है।

जेल प्रशासन ने अधिवक्ता विजय प्रताप हत्याकांड के आरोपी जितेन्द्र प्रताप सिंह मुन्ना को बिजनौर, इनके भाई राजा बाबू सिंह को ललितपुर, रामसागर यादव और पंकज सिंह को देवारिया तथा संदीप सिंह को बिजनौर जेल स्थानान्तरित कर दिया गया है। हत्या और फिरौती के आरोपी मुलायम यादव को महराजगंज जेल भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इन बंदियों को दूसरी जेल भेजने के बाद जेल प्रशासन ने भी राहत की सास लिया है। अभी कुछ और खूखार बंदियों को दूसरी जेल भेजे जाने की तैयारी चल रही है।

दूसरी जेलों में भेजे गये बंदियों का नेटवर्क इतना मजबूत था कि यह जेल से बैठे-बैठे खूनी वारदात को अंजाम दिलवा देते थे। मुन्ना सिंह और राजा बाबू पर आरोप है कि जेल के भीतर से ही अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह की हत्या करवा दी थी। मुलायम यादव आतंक का पर्याय माना जाता है। दर्जनों वारदातों को अंजाम देने वाले मुलायम को क्राइम ब्रांच टीम ने पकड़ा था। रामसागर पर कादीपुर के तिहरे हत्याकांड समेत दर्जन भर आपराधिक वारदातों के आरोप है। जिसे एसटीएफ ने पकड़ा था। इन सब के लिए अब जेल ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। इसके पहले खूखार अपराधी दरोगा यादव को आजमगढ़ जेल भेजा चुका है। इसने जेल से ही जिला पंचायत का चुनाव जीत लिया था।

जेल अधीक्षक ने बताया कि इन सभी बंदियों को शासन से अनुमति मिलने के बाद दूसरी जेलों में भेजा गया है। अभी कुछ और बंदी दूसरी जेलों में भेजा जाना है। इसके लिए कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

अखंडनगर पुलिस ने कादीपुर के नूरपुर में हुए तिहरी हत्याकांड के कुख्यात रिशु सिंह और सौरभ सिंह को गिरफतार कर लिया। इनके पास से अवैध पिस्टल मिली है। यह दोनो बदमाश किसी वारदात को अंजाद देने जा रहे थे।