लखनऊ: समाजवादी पार्टी में आंतरिक कलह का एक और दिन बीत गया और सुलह का कोई फॉर्मूला नहीं निकल पाया । मुलायम में के निवास पर आज दिन भर वरिष्ठ नेताओं का आना जाना होता रहा पर बात नहीं बन पायी । मुलायम और आजम खां की बीच करीब ढाई घंटे तक बाचतीत हुई पर बीच का रास्ता नहीं निकल सका। दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं।

मुलायम के आवास पर शिवपाल के साथ कई वरिष्ठ नेता पहुंचे। पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संजय सेठ भी बुलाए गए। घंटों चली बैठक के बाद भी सुलह पर संकट बना हुआ है। इस दौरान कोई नेता मीडिया से मुखातिब नहीं हुआ। अंबिका चौधरी ने काफी पूछने पर सिर्फ इतना कहा कि सब कुछ ठीक है। पार्टी एक हो जाएगी। बैठक में क्या बातें हुई, इस सवाल पर सिर्फ इतना कहा कि इसकी जानकारी जल्द दे दी जाएगी। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह, राम गोपाल, नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा से काफी खफा हैं।

मुलायम के पांच विक्रमादित्य आवास पर सुबह 10 बजे से ही बड़े नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया था। पहले शिवपाल, उसके बाद अंबिका चौधरी, ओप्रकाश व नाराद राय पहुंचे। इसके कुछ देर बाद सांसद धर्मेंद्र यादव और बाद में आजम खां पहुंचे। सूत्रों का दावा है कि सुलह के बीच में राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद आड़े आ रहा है। दोनों खेमे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

सुलह-समझौते के लिए चल रहे प्रयासों में अखिलेश की तरफ से शनिवार को कोई पहल नहीं की गई। सुलह की कोशिश में लगे आजम खां ने मुलायम से मुलाकात की। इस दौरान बीच का रास्ता निकाल कर सुलह-समझौते करने पर चर्चा हुई, लेकिन जानकारों की मानें तो मुलायम ने साफ कर दिया है कि एकतरफा प्रयास से कुछ होने वाला नहीं है। अखिलेश खेमा किसी तरह झुकने को तैयार नहीं है।

समाजवादी पार्टी में अखिलेश गुट का दावा है कि अब अखिलेश ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहेंगे। अखिलेश समर्थकों के मुताबिक पार्टी के विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को 90 फीसदी पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। इन स्थितियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ना अधिवेशन के निर्णयों की अवहेलना होगा।