लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चल रहा दंगल ख़त्म होते होते फिर शुरू हो गया । मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के सुलह फॉर्मूले को सिरे से ठुकरा दिया है । इधर आज़म खां एक अंतिम कोशिश में जुट गए है और इसी प्रयास में उन्होंने मुलायम सिंह की तीन बजे होने वाली प्रेस कांफ्रेंस रद्द करवा दी है । इस समय आज़म और मुलायम सिंह के बीच अकेले में मंत्रणा चल रही है ।

गुरूवार की रात मुलायम सिंह यादव के आवास पर बैठकों का दौर चला। इस बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव की मांग के मुताबिक राज्य सभा सांसद अमर सिंह पार्टी से बाहर हो सकते हैं जबकि चाचा शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। अखिलेश ने शर्त रखी है कि वो सिर्फ तीन महीने के लिए यानी यूपी चुनावों तक ही पार्टी के अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं। अगर ऐसा होता है तो मुलायम सिंह यादव चुनाव बाद फिर से पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं। यही नहीं समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही विधान सभा चुनाव लड़ेगी।

आज (शुक्रवार को) शिवपाल सिंह यादव तीसरी बार मुलाकात के लिए मुलायम सिंह यादव के आवास पर गए हैं। उनसे पहले अमर सिंह भी मुलायम से मुलाकात कर चुके हैं। मुलायम सिंह से मिलने के बाद शिवपाल मुख्यमंत्री से मिलने उनके आधिकारिक आवास पर भी गए।

इससे पहले अखिलेश यादव ने कल (गुरुवार को) समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी जिसमें समाजवादी पार्टी के 220 एमएलए और 60 एमएलसी ने अखिलेश यादव को अपने हस्ताक्षर वाले हलफनामे सौंपे हैं। अखिलेश यादव इन हलफनामों को चुनाव आयोग को सौंपेंगे। सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल गुट के भी कई एमएलए और एमएलसी सीएम अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई कल की बैठक में पहुंचे थे।

अखिलेश यादव ने बैठक में कहा कि जो भी यहां बैठक में आया है उनमें से किसी का भी टिकट नहीं काटा जाएगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि हम सिर्फ विधानसभा चुनावों तक ही समाजवादी पार्टी की कमान संभालेंगे। वहीं अखिलेश ने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद जैसा नेताजी बोलेंगे बिल्कुल वैसा ही करेंगे।