फाॅसी के फंदे से झूलता मिला मुखिया का शव

आसिफ मिर्जा

सुलतानपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय इलाका अमेठी के बाजारशुकुल थाने के महोना ग्राम पंचायत में दस महिलाओं की हत्या के बाद कथित तौर पर खुद फाॅसी लगाकर मुखिया के खुदखुशी किए जाने की बड़ी वारदात में घर में मौजूद सिर्फ एक बेटी को छोड़कर सभी की मौत हो गई। वारदात के घण्टों बाद होश में आई बेटी ने वारदात से पहले जो कहानी बयान की उसी के आधार पर अब पुलिस जांच की दिशा में आगे बढ़ रही है। पुलिस ने घर से चाकू और दवा की शीशी बरामद करने का दावा तो किया है, लेकिन मुखिया के पैर मे चोट और कपड़ों पर खून के छीेटे न होना इस बड़ी घटना को पुलिस के बयानों को झुठला रही है।

अमेठी जिले के लिए बुधवार काला दिन साबित हुआ। शुकुलबाजार थाने के महोना के रहने वाले जमालुद्दीन का शव रस्सी के फंदे से झूलता पाया गया। जमालुद्दीन के अलावा घर में दस लाश और पायी गयी। सभी की गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी। मरने वालो में जहां जमालुद्दीन की सभी बेटियां शामिल थी, वही उसकेे भाई रईस अहमद की पत्नी तबस्सुम बानो और उनकी बेटी निगार का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया है। दूसरे भाई समसुद्दीन की पत्नी हुस्न बानो और उनकी मासूम बेटियों में रूबीना, तहसीम का भी खून कर दिया गया। इस
जघन्य वारदात में जमालुद्दीन की एक बेटी अफसर जहां किसी तरह बच गई है।

सूचना पर कई थानों की पुलिस के साथ डीआईजी फैजाबाद और आईजी मौके पर पहुंच गये। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद घर को सील कर दिया है। घर से पुलिस को दवा की शीशी और दो चाकू बरामद हुए है। घटना क्यों हुई और किसने किया इसका जवाब पुलिस के पास नही है। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। क्षेत्रवासियों ने पुलिस को शव देने से इंकार कर दिया था। हालाकि समझाने-बुझाने के बाद ग्यारह शवों को पुलिस कब्जे में लेने में सफल रही। भाई के परिवार की जिम्मेदारी भी निभा रहा था मृतक जमालुद्दीन जघन्य वारदात की पृष्ठभूमि में प्रथम दृष्टया परिवार की तंगहाली सामने आ रही है। छोटी सी बैटरी की दुकान चलाने वाले जमालुद्दीन ने 2 शादियां की थी। जिसमें दोनों पत्नियों से उसे सिर्फ बेटियां ही बेटियां थी। शहर से
बाहर रहकर कमाने वाले अपने दो भाइयों रईस अहमद और शमशुद्दीन के परिवार की देखरेख भी जमालुद्दीन ही कर रहा था। घर की माली हालत देखने में बहुत बेहतर नहीं कही जा सकती एक बैटरी की दुकान से आखिरकार कोई कैसे 16 लोगों का खर्च उठा सकता है। वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी यह देखा कि घर में सोने के लिए ठीक से पलंग और बिस्तर तक नहीं था। पुआल डालकर ठंड में पूरा परिवार किसी तरह से गुजर बसर कर रहा था। जिससे कहीं न कहीं यह बात सामने आ रही है कि परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। वहीं गांव के प्रधान ने भी यह बताया कि मृतक और उसका परिवार आर्थिक रुप से परेशान था लेकिन वह ऐसा कदम उठा लेगा इसका अंदाजा उन्हें बिल्कुल नहीं था।

जमालुद्दीन की पांच बेटियों की हत्या के साथ एक हुई जख्मी जिलाधिकारी अमेठी चंद्रकांत पांडे के मुताबिक मरने वालों में जमालुद्दीन ने परिवार की सभी महिलाओं को जहरीला पदार्थ खिलाकर बेहोश करने के बाद अपनी दोनों पत्नियों की बेटियों में मरियम, उज्मा, सानिया, आफरीन बानो की गला रेतकर हत्या कर दी वहीं अपनी दूसरी पत्नी का भी कत्ल कर दिया। इस जघन्य वारदात में जमालुद्दीन की एक बेटी अफसर जहां किसी तरह बच गई। जिसने सुबह हो जाने के बाद वारदात के पहले की पूरी कहानी बताई। जिंदा बची बेटी ने बताया दवा पीने के बाद उसे नहीं रहा किसी बात का होश मंगलवार की देर रात जगदीशपुर के महोना ग्राम पंचायत के गांव में हुई सनसनीखेज हत्या की वारदात में अकेली जिंदा बची जमालुद्दीन की विवाहिता बेटी अफसर जहां ने बताया कि रोज की तरह मंगलवार की रात भी घर के सभी लोग खाना खा चुके थे। जिसके बाद उसके पिता जमालुद्दीन घर पहुंचे। जमालुद्दीन ने बेटी से पूछा कि उसने खाना खाया या नहीं इसके बाद बेटी ने बताया कि उसने खाना खा लिया है। बेटी अफसर जहां ने अपने पिता जमालुद्दीन को भी रात के साढे आठ बज जाने का हवाला देते हुए खाना खाने के लिए कहा, लेकिन बेटी की बात को बीच में काटते हुए जमालुद्दीन ने कहा कि सोने से पहले वह एक दवा लेकर आए हैं जिसे सभी को पीना है बिना दवा पिए कोई नहीं सोएगा। जिंदा
बची जमालुद्दीन की 25 वर्षीय बेटी अफसर जहां के मुताबिक दवा पीने की बात पर उसने और परिवार के अन्य सदस्यों ने पिता जमालुद्दीन से यह पूछा कि आखिर यह दवा किस चीज की है। जिस पर जमालुद्दीन ने सब को बताया कि इस दवा को पीने से किसी को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी नहीं होगी। सभी को इस दवा को पीना है बिना दवा पिए कोई सोएगा नहीं। बेटी अफसर जहां ने बताया कि उसके पिता जमालुद्दीन ने अपने पास मौजूद एक शीशी में मौजूद दवा को अपने हाथों से बारी-बारी से सभी को नाप नाप कर पिलाया बच्चों ने जब दवा के कड़वी होने की बात कही तो पिता जमालुद्दीन ने कहा कि थोड़ा पानी मिलाकर दवा पी लो लेकिन दवा सभी को पीनी है। वही पिता जमालुद्दीन है सभी को ज्यादा पानी पीने से भी मना कर दिया अफसर जहां ने बताया कि दवा पीने के बाद उसे गहरी नींद आ गई। उसके बाद उसे कुछ भी याद नहीं की क्या हुआ|

सुबह हुई वारदात की जानकारी

अफसर जहां ने जगदीशपुर के प्राथमिक चिकित्सालय में इलाज के दौरान बताया कि उसे किसी बात का होश नहीं था। सुबह वह सो रही थी की अचानक कमरुद्दीन नाम का शख्स घर में आया और उसने उसे बताया कि उसके पिता ने आत्महत्या कर ली है। जिसके बाद वह किसी तरह लड़खड़ाते हुए कमरे में गई तो उसने सारा
नजारा अपनी आंखों से देखा अफसर जहां ने बताया कि सुबह भी वह नशे की हालत में थी और वह ठीक से चल नहीं पा रही थी। फिलहाल अफसर जहां का इलाज जगदीशपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहा है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है। जमालुद्दीन के हमले में गंभीर रुप से जख्मी उसकी पत्नी शाहिदा बानो का इलाज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहा है और दोनो खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं ।

हत्या के बाद आत्महत्या के नही मिले कोई सबूत

पुलिस और आलाधिकारी भले ही दावा कर रहे है कि नशीली दवा पिलाने के बाद दस लोगों की हत्या कर खुद उसने फाॅसी लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन इसका सबूत किसी के पास नही है। अगर जमालुद्दीन ने बारी-बारी सब का गला रेता तो उसके शरीर और कपड़ों पर खून के छीटे क्यों नही पड़े। जमालुद्दीन के पैर में चोट कैसे लगी। जिसका जवाब पुलिस के किसी अधिकारी के पास अभी तक नही है।

आक्रोशित भीड़ ने उलूल-जुलूल सवाल करने पर महोना में पत्रकार राजीव ओझा पर जानलेवा हमला कर दिया। भीड़ ने आक्रोशित होकर एक जीप भी पुलिस के हवाले कर दी।

डीआईजी फैजाबाद आरसी साहू ने बताया कि लाश के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की पुष्टि हो सकेगी। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद इस घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।