21 जनवरी से हॉकी इंडिया लीग की शुरुआत होने जा रही है। 26 फरवरी तक चलने वाले इस हॉकी लीग में मुंबई और रांची के बीच पहला मुकाबला होगा।

मैच के पहले रांची टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ी मंदीप सिंह ने हॉकी लीग से संबंधित एक दिलचस्प खुलासा किया है। भारतीय हॉकी टीम के मंदीप सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक वक्त था जब मैं इंग्लिश बिलकुल भी समझ नहीं पाता था जिसका खामियाजा मेरे खेल पर भी पड़ता था, लेकिन कोल इंडिया हॉकी लीग के बाद मेरी यह मुश्किल खत्म हो गई।

उन्होंने 2013 में हुए हॉकी लीग की एक घटना को याद करते हुए बताया, 'मुझे नीदरलैंड के फ्लोरिस एवर्स के साथ रूम शेयर करना था। फ्लोरिस ने मुझे 7:30 का अलार्म लगाने के लिए कहा था। हमलोगों को लखनऊ से रांची के लिए सुबह की फ्लाइट लेनी थी। मुझे लगा कि उसने मुझे कहा कि वह अलार्म सेट करेगा और मुझे जगायेगा। इस कन्फूयजन में हम दोनों ही सोते रह गए जबकि टीम के बाकि लोग हमारा सुबह इंतजार कर रहे थे और सोच रहे थे कि हमलोग अभी तक नीचे क्यों नहीं आए।

उन्होंने आगे बताया, 'लीग के दौरान विदेशी खिलाड़ियों से लगातार बातचीत के कारण वो और उनके ज्यादातर साथी खिलाड़ी इंग्लिश बोलने में सहज हो गए। जिससे यह फायदा हुआ कि हमलोग विदेशी फैन्स और अंतरराष्ट्रीय अम्पायर से भी आसानी से कम्यूनिकेट करने लगे।

21 जनवरी से हॉकी इंडिया लीग की शुरुआत होने जा रही है। 26 फरवरी तक चलने वाले इस हॉकी लीग में मुंबई और रांची के बीच पहला मुकाबला होगा।

मैच के पहले रांची टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ी मंदीप सिंह ने हॉकी लीग से संबंधित एक दिलचस्प खुलासा किया है। भारतीय हॉकी टीम के मंदीप सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक वक्त था जब मैं इंग्लिश बिलकुल भी समझ नहीं पाता था जिसका खामियाजा मेरे खेल पर भी पड़ता था, लेकिन कोल इंडिया हॉकी लीग के बाद मेरी यह मुश्किल खत्म हो गई।

उन्होंने 2013 में हुए हॉकी लीग की एक घटना को याद करते हुए बताया, 'मुझे नीदरलैंड के फ्लोरिस एवर्स के साथ रूम शेयर करना था। फ्लोरिस ने मुझे 7:30 का अलार्म लगाने के लिए कहा था। हमलोगों को लखनऊ से रांची के लिए सुबह की फ्लाइट लेनी थी। मुझे लगा कि उसने मुझे कहा कि वह अलार्म सेट करेगा और मुझे जगायेगा। इस कन्फूयजन में हम दोनों ही सोते रह गए जबकि टीम के बाकि लोग हमारा सुबह इंतजार कर रहे थे और सोच रहे थे कि हमलोग अभी तक नीचे क्यों नहीं आए।

उन्होंने आगे बताया, 'लीग के दौरान विदेशी खिलाड़ियों से लगातार बातचीत के कारण वो और उनके ज्यादातर साथी खिलाड़ी इंग्लिश बोलने में सहज हो गए। जिससे यह फायदा हुआ कि हमलोग विदेशी फैन्स और अंतरराष्ट्रीय अम्पायर से भी आसानी से कम्यूनिकेट करने लगे।

21 जनवरी से हॉकी इंडिया लीग की शुरुआत होने जा रही है। 26 फरवरी तक चलने वाले इस हॉकी लीग में मुंबई और रांची के बीच पहला मुकाबला होगा।

मैच के पहले रांची टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ी मंदीप सिंह ने हॉकी लीग से संबंधित एक दिलचस्प खुलासा किया है। भारतीय हॉकी टीम के मंदीप सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक वक्त था जब मैं इंग्लिश बिलकुल भी समझ नहीं पाता था जिसका खामियाजा मेरे खेल पर भी पड़ता था, लेकिन कोल इंडिया हॉकी लीग के बाद मेरी यह मुश्किल खत्म हो गई।

उन्होंने 2013 में हुए हॉकी लीग की एक घटना को याद करते हुए बताया, 'मुझे नीदरलैंड के फ्लोरिस एवर्स के साथ रूम शेयर करना था। फ्लोरिस ने मुझे 7:30 का अलार्म लगाने के लिए कहा था। हमलोगों को लखनऊ से रांची के लिए सुबह की फ्लाइट लेनी थी। मुझे लगा कि उसने मुझे कहा कि वह अलार्म सेट करेगा और मुझे जगायेगा। इस कन्फूयजन में हम दोनों ही सोते रह गए जबकि टीम के बाकि लोग हमारा सुबह इंतजार कर रहे थे और सोच रहे थे कि हमलोग अभी तक नीचे क्यों नहीं आए।

उन्होंने आगे बताया, 'लीग के दौरान विदेशी खिलाड़ियों से लगातार बातचीत के कारण वो और उनके ज्यादातर साथी खिलाड़ी इंग्लिश बोलने में सहज हो गए। जिससे यह फायदा हुआ कि हमलोग विदेशी फैन्स और अंतरराष्ट्रीय अम्पायर से भी आसानी से कम्यूनिकेट करने लगे।

उन्होंने कहा कि इस तरह के अनुभव ने हमें पुरूष टीम के चीफ कोट रोलेंट ओल्टमैंस के साथ भी कम्यूनिकेट करने में मदद पहुंचाई। इंग्लिश में सहज होने के बाद हम उनकी कमांड जल्दी और आसानी से समझने लगे।

मंदीप ने बताया, 'जूनियर वर्ल्ड कप के दौरान ऐसा भी होता था जब हम लोग पहले हाफ में एक या दो गोल से पीछे रहते थे। पहले हाफ के बाद 10 मिनट के ब्रेक में कोच ओल्टमैंस हमें अलग रणनीति के बारे में बताते थे जिसे हमें दूसरे हाफ में लागू करना होता था। वास्तव में इसके लिए हम ड्रॉइंग बोर्ड पर तमाम चीजों पर चर्चा करते थे, लेकिन भाषा की समस्या सामने आती थी। हमारे लिए उतने कम समय में चीजें समझना मुश्किल होता था। लेकिन मुझे लगता है कि एआईएल के पिछले अनुभव ने हमें बहुत कुछ सिखाया है और इससे हमारे खेल में भी मदद मिली है।