लखनऊ: समाजवादी पार्टी कुनबे में टिकट वितरण को लेकर जारी रार शुक्रवार को आर-पार की लड़ाई में तब्दील हो गई. पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्‍कासित कर दिया. उन्‍होंने कहा कि रामगोपाल ने पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचाया है. मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव नहीं समझ रहे. रामगोपाल उनका भविष्‍य बर्बाद कर रहे हैं.

गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो ने कुछ समय पहले भी रामगोपाल को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया था. इस पर मुलायम ने कहा कि उसके बाद रामगोपाल ने माफी मांग ली थी और अपनी गलती स्‍वीकार कर ली थी. इसलिए उनको माफ कर दिया था, लेकिन अब पार्टी में वापस आने के बाद रामगोपाल ने सीधा मुझ पर हमला किया है. इसको बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता. इसलिए रामगोपाल को पार्टी से निकाला जाता है.

उन्‍होंने आगे कहा, रामगोपाल ने मुझे बिना बताए पार्टी का अधिवेशन बुलाने का फैसला लिया. जबकि इस तरह का फैसला लेने का अधिकार केवल राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष को है. उन्‍होंने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि मैं भी मुख्‍यमंत्री रहा लेकिन कभी इस तरह का मामला कभी नहीं रहा. मेरे समय में ऐसी कोई बात नहीं रही. रामगोपाल ने अखिलेश का भविष्‍य खराब किया. अखिलेश को भी अनुशासनहीनता की वजह से छह साल के लिए पार्टी से निकाला जाता है.

इसके साथ ही रामगोपाल के पार्टी सम्मेलन को असंवैधानिक करार देते हुए मुलायम सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं से उस सम्मेलन में भाग नहीं लेने की अपील की. उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि आगामी चुनाव में सपा की तरफ से मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हम तय करेंगे. साथ ही यह भी कहा कि यदि अखिलेश अपना भविष्य खुद खराब करने पर तुले हैं तो उसमें कोई क्या कर सकता है. मेरा लक्ष्‍य पार्टी को बचाना है, इसलिए यह कार्रवाई की.

इससे पूर्व पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अलग से उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी करने पर शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे पूछा है कि क्‍यों न अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की जाए. अखिलेश ने कल 235 उम्‍मीदवारों की सूची जारी की थी और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना है. वहीं, रामगोपाल यादव ने आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का आपातकालीन सम्मेलन बुलाकर किसी निर्णायक फैसले की संभावनाओं को हवा दे दी।

वहीं, रामगोपाल यादव ने सपा में मचे घमासान पर कहा है कि पार्टी का एक आदमी सपा में पूरे विवाद की जड़ है. हालांकि उस नेता की हैसियत 10 वोट दिलाने की भी नहीं है. रामगोपाल ने खुलकर अखिलेश की तरफदारी करते हुए कहा कि वह अगले 10 सालों में देश के सबसे बड़े नेता होंगे.

उधर, सियासी शतरंज पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बड़ा दांव खेल रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है. वहीं, शिवपाल यादव ने आज मुलायम सिंह से मुलाकात की. इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने जिन 395 उम्मीदवारों को टिकट दिया है उनको शनिवार सुबह 10.30 बजे बैठक के लिए बुलाया है. इसके साथ ही इसे अखिलेश यादव के कथित लिस्ट जारी करने के बाद शक्ति परीक्षण के रूप में भी देखा जा रहा है और सपा में जारी घमासान के बीच दोनों धड़ों में इसे वर्चस्व की जंग माना जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि अपने कई करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश यादव ने गुरुवार को 235 उम्मीदवारों की एक नई लिस्ट जारी कर दी, जिनमें मंत्री अरविंद सिंह गोप, पवन पांडे, राम गोविंद चौधरी का नाम हैं. ये उन लोगों के नाम हैं जिनके टिकट मुलायम सिंह यादव ने काट दिए थे हालांकि अखिलेश यादव की ओर से अभी इस लिस्ट की पुष्टि नहीं की गई है और न ही इस पर उनके दस्तखत हैं. इसके तुरंत बाद मुलायम ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में भी अखिलेश के कुछ समर्थकों का टिकट काट दिया गया है.