मायावती ने मांगी दुआ, बोलीं–अब घर बैठे बनेगी हमारी सरकार

लखनऊ। दिल्ली के करोलबाग में यूनियन बैंक की शाखा में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती के भाई आनंद कुमार के खाते में नोटबंदी के बाद 1 करोड़ 43 लाख रुपये जमा कराए गए। इसी शाखा में मायावती की पार्टी बीएसपी का भी खाता मिला है। जिसमें नोटबंदी के बाद 104 करोड़ रुपये जमा कराए गए। बीएसपी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को खुद सामने आकर इस पूरे मामले पर सफाई दी। मायावती ने पीएम पर जोरदार हमला भी किया।

मायावती ने कहा कि बीएसपी में प्रभावशाली लोगों को शिथिल करने के लिए केंद्र सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान कर सकती है। सोमवार को जो मैंने एसपी, कांग्रेस के गठबंधन का पर्दाफाश किया उससे बीजेपी के लोग हिल गए हैं। तभी मेरे परिवार और पार्टी के बारे में ऐसी घिनौनी हरकत की। ये हमारे लिए सोने पे सुहागा है, अब घर बैठे हमारी सरकार बनेगी। इसके लिए मैं बीजेपी का आभार प्रकट करती हूं। कुदरत से मेरी प्रार्थना कि नोटबंदी जैसे और 2-3 फैसले ये लें लें। हम आसानी से अपनी सरकार बना लेंगे। यह हमें बहुत बड़ा तोहफा दे रहे हैं। हमें राजनीतिक फायदा होगा। मैं इनका आभार प्रकट करती हूं।

मायावती ने बीजेपी पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीएसपी की छवि धूमिल करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने बीएसपी द्वारा जमा कराई धन राशि के बारे में कहा कि बीएसपी ने नियमों के मुताबिक अपना पैसा जमा कराया है। उन्होंने कहा कि सभी जमा नियमों के तहत है, धन नोटबंदी से पहले जमा किया गया था। अगस्त के बाद से पैसा जना किया जा रहा था। मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि यह पार्टी का पैसा है। लोगों का पैसा है। इस पैसे को हम फेंक देंगे क्या? हमने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पैसे को जमा कराया है। बीजेपी के इशारे पर चलकर कुछ चैनल इसे तोड़ मरोड़कर गलत तरह से प्रदर्शित कर रहे हैं। बीजेपी सहित अन्य पार्टियों ने भी अपना पैसा जमा कराया है लेकिन उनकी चर्चा भी नहीं होती। मायावती ने कहा कि यह सब दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो क्या है? जातिवादी मानसिकता रखने वाले लोग यह कतई नहीं चाहते हैं की उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाभी एक दलित बेटी के हाथ में आये।

केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी सहित अन्य पार्टियों ने भी अपना पैसा जमा कराया है लेकिन उनकी चर्चा नहीं होती है। बीजेपी और ऐसी मानसिकता रखने वाले नहीं चाहते के हमारे हाथ में आये सत्ता की मास्टर चाबी। बेनामी संपत्ति के आरोप का सामना कर रहे छोटे भाई आनंद कुमार पर मायावती ने कहा कि उनके भाई ने आयकर के नियमों के मुताबिक पैसा जमा कराया है। ये हमें बार्गेन करने के लिए खबर के तौर पर दिखाते हैं।

मायावती ने कहा कि पूरे देश में अकेली बीएसपी ऐसी पार्टी थी जिसने मीटिंग बुलाकर 10 नवंबर को पर्दाफाश किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में कोई ताली नहीं बजा रहा है सिवाए उनके कुछ चमचों के। मायावती पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है। खुद पर दर्ज इस मुकदमे पर उन्होंने कहा कि यह ताज प्रकरण का मामला (आय से अधिक संपत्ति का मामला) तब दर्ज हुआ जब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी।

मायावती के हमले का जवाब देने के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सामने आए। प्रसाद ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री पर बहुत ही बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं इसकी हम निंदा करते हैं। ईडी अगर रूटीन कार्रवाई कर रही है तो इसको लेकर इतनी बौखलाहट क्यों है? क्या अपने भ्रष्टाचार को दलितों के नाम पर छुपाया जाएगा? क्या कहना चाह रही है मायावती जी की मेरा भ्रष्टाचार दलितों के खिलाफ संघर्ष मन जाएगा? यह दलितों का अपमान है।