लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे पढ़ने जाते हैं। इसीलिए समाजवादी सरकार ने मध्यान्ह भोजन योजना में संशोधित मेन्यु लागू करने का काम किया ताकि विद्यालयों में आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हो। उनका ड्राॅप आउट कम हो और उनमें पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़े। उन्होंने कहा कि दोबारा सत्ता में आने के बाद समाजवादी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवनों को चरणबद्ध रूप से आकर्षक बनाने का काम करेगी। साथ ही, गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जरूरत पड़ने पर तकनीक का सहारा भी लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत जनपद वाराणसी, आगरा, कानपुर नगर, कन्नौज, अम्बेडकरनगर, गाजियाबाद, इटावा, इलाहाबाद, रामपुर, बलिया एवं आजमगढ़ में केन्द्रीयकृत किचेन की स्थापना के शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। यह सभी किचेन अक्षयपात्र फाउण्डेशन द्वारा संचालित किए जाएंगे। अभी अक्षयपात्र फाउण्डेशन द्वारा केन्द्रीयकृत किचेन के माध्यम से जनपद लखनऊ तथा मथुरा में लगभग 02 लाख बच्चों को गरम पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। आज शिलान्यास किए गए 11 जनपदों को सम्मिलित करने के बाद इस संस्था द्वारा प्रदेश के 13 लाख बच्चों को प्रतिदिन गुणवत्ता युक्त मध्यान्ह भोजन मिलने लगेगा। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में केन्द्रीयकृत किचेन निर्माण के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के अतिरिक्त प्रति किचेन करीब 14 करोड़ रुपए का व्यय भार वहन किया जा रहा है।

श्री यादव ने अक्षयपात्र फाउण्डेशन की सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2012 में जब मथुरा के केन्द्रीयकृत किचेन की शुरुआत की गई थी, तभी प्रदेश के सभी जनपदों के बच्चों के लिए इसी तर्ज पर किचेन स्थापना की कल्पना उनके (मुख्यमंत्री) द्वारा कर ली गई थी। इसके परिणामस्वरूप पहले लखनऊ में और अब 11 अन्य जनपदों में इस प्रकार की केन्द्रीयकृत किचेन स्थापित कर बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना के तहत खाना पहुंचाने का काम किया जाएगा।
मध्यान्ह भोजन योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा लिए गए अन्य निर्णयों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्ताह में बच्चों को एक बार दूध के अलावा समाजवादी पौष्टिक आहार योजना के तहत ताजे एवं मौसमी फलों का वितरण भी किया जा रहा है। साथ ही, लगभग 01 करोड़ छात्र-छात्राओं को स्टील की थाली एवं गिलास उपलब्ध कराने का काम भी किया जा रहा है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को स्कूल बैग एवं कुपोषित बच्चों के लिए हौसला पोषण योजना भी समाजवादी सरकार द्वारा शुरू की गई है। राज्य सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप मानव सूचकांक में सुधार होगा।

बेसिक शिक्षा को विशाल एवं बड़े दायित्व वाला विभाग बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों एवं प्रदेश की नींव तैयार करने की जिम्मेदारी इसी विभाग की है। यह तभी सम्भव है, जब प्राथमिक विद्यालयों की वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहें। अभी भी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी काम किया जाना है। बच्चों को बैठने के लिए टेबल एवं कुर्सी की व्यवस्था करना एक महत्वपूर्ण काम है, जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आॅरबिन्दो सोसाइटी के माध्यम से विद्यालयों में अभिनव प्रयासों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। इस प्रकार समाजवादी सरकार ने बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई निर्णय लिए हैं, जिससे उनमें पढ़ाई के प्रति और अधिक जिज्ञासा पैदा हो ताकि देश एवं प्रदेश को अच्छी प्रतिभाएं मिल सकें।

श्री यादव ने समाजवादी सरकार के तमाम विकास कार्यों एवं फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा गांव बचा हो, जहां राज्य सरकार द्वारा वितरित किया गया निःशुल्क लैपटाॅप न पहुंचा हो। शुरुआती दौर में समाजवादी सरकार की बड़ी परियोजनाओं को लेकर लोगों के मन में काफी संदेह था, जिसे राज्य सरकार ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को रिकाॅर्ड समय में बनाकर दूर करने का काम किया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर ही समाजवादी पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे को भी मात्र 30 माह में बनाने का काम किया जाएगा। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 24 घण्टे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे बिजली की उपलब्धता, 55 लाख गरीब परिवारों को समाजवादी पेंशन योजना आदि ऐसे निर्णय हैं, जिनसे प्रदेश का प्रत्येक परिवार लाभान्वित हुआ है।

इससे पूर्व, बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत किए गए सुधार कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रकार का कार्य देश की अन्य सरकारों द्वारा नहीं किया गया।

मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने केन्द्रीयकृत किचेन योजना को बच्चों में कुपोषण के विरुद्ध एक अभियान बताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से ही अधिकांश नौजवान सेना में जाते हैं। खेल के क्षेत्र में भी ग्रामीण क्षेत्र से ही प्रतिभाएं जाती हैं। यदि ग्रामीण क्षेत्र के सभी बच्चों को कुपोषण से बचा लिया जाए तो प्रतिभाओं का विशाल पूल उपलब्ध हो जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आलोक रंजन एवं अक्षयपात्र फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष चंचलापति दास ने भी अपने विचार व्यक्त किए।