लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने आज उत्तर प्रदेश में भाजपा की आज यहाँ समाप्त हुयी ’’परिवर्तन यात्रा’’ को ’ध्यान बाँटो यात्रा‘ की संज्ञा देते हुये कहा कि अपने लोकसभा आमचुनाव की वादाख़िलाफी पर से प्रदेश की जनता का ध्यान बाँटने के लिये ही इन यात्राओं का आयोजन किया गया।

मायावती ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि भाजपा ने इन यात्राओं में हालाँकि अपनी पूरी ताक़त व संसाधनों को झोंक दिया और केन्द्रीय मन्त्रियों की पूरी फौज को पूरे तामझाम के साथ मैदान में उतारा तथा कई स्थानों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी शामिल हुये, परन्तु लोकसभा आमचुनाव की इनकी घोर वादाख़िलाफी के फलस्वरूप लोगों में इन यात्राओं के प्रति उत्साह की जबर्दस्त कमी देखी गई।

इन यात्राओं में भाजपा के नेता व टिकटार्थियों एवं भाड़े पर लाये गये लोगां की ही भीड़ ज्यादा थी तथा आमजनता की भागीदारी काफी कम, क्योंकि उत्तर प्रदेश की जनता यह मानती है कि जिन वायदों के बल पर भाजपा को लोकसभा आमचुनाव में प्रचण्ड सफलता मिली थी उसका एक चौथाई से भी कम इन्होंने काम किया है अर्थात केन्द्र की सत्ता में आने के ढाई वर्षों से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद और वह भी प्रदेश में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले मात्र कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास ही किया जा रहा है, जो चुनाव के बाद फिर से भुला दिया जायेगा।

अपनी इसी प्रकार की घोर विफलताओं पर से फिर प्रदेश व देश की आमजनता का ध्यान बाँटने के लिये जल्दबाज़ी में बड़े ही अपरिपक्व तरीके से ’’नोटबन्दी’’ का अत्यन्त ही पीड़ा व दुःखदायी फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने लिया और इसे ’कालाधन व भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई’ का चोला पहनाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया, जो कि अब पूरी तरह से जनता के हितों के खिलाफ साबित होकर भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के लिये गले की हड्डी बन गया है।

मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार जनता का ध्यान अपनी विफलताओं पर से बाँटने के लिये लगातार नये-नये हथकण्डे अपना रही है और नये-नये नाटकबाजी कर रही है, किन्तु इनका इस प्रकार का हर कदम आमजनता के दुःखों को कम करने के बजाय, उनकी दुःख-तकलीफों को बढ़ाने वाला ही ग़लत व जनविरोधी साबित हो रहा है, वह इसलिये कि सरकार सही नीयत व मंशा से कोई काम नहीं कर रही है।

बी.एस.पी. प्रमुख ने कहा कि भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की कथनी व करनी में ज़मीन-आसमान का अन्तर होने के कारण इनमें विश्वसनीयता इतनी ज्यादा घट गई है कि देश की आमजनता आशंकित हो गई है कि पता नहीं आगे क्या होगा व उनका नया वर्ष 2017 कैसा होगा। यह एक निराशापूर्ण व दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।