लखनऊ: प्रदेश के पूर्व लोक निर्माण विभाग व राजस्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि देश के विकास का रास्ता खेत व खलिहान से होकर निकलता है। जिस देश में किसानों का विकास नहीं होता उस देश का विकास नहीं हो सकता।

श्री यादव ने आज इटावा के सैफई स्थित चौ0 चरण सिंह पीजी कालेज, हवैरा में चौ0 चरण सिंह की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन व पुष्पांजलि समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि चौ0 चरण सिंह लोकनायक और किसानों के मसीहा थे। वह किसानों का दुख दर्द जानते और समझते थे। उन्होंने कहा कि चौ0 चरण सिंह ने दीन दुखियों और उपेक्षितों तथा किसानों का दिल जीता था। देश की जनता ने उन्हें किसान के रुप में पहचाना। चौ0 चरण सिंह ही जपता के ऐसे सच्चे नेता थे जो देश के 72 प्रतिशत खेती करने वाले लोगों की समस्याओं को लेकर चिंतित रहते थे।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने लगातार 4 सालों तक किसानों के लिए काम किया। हदबंदी से लेकर सिंचाई मुफत कराने तक का काम समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही किया। हमारी सरकार ने ही 260 तहसीलों को एक कलर देकर खुबसूरती का काम किया। सभी तहसीलों में सोलर लाइट लगाने का आदेश भी मैंने ही दिया था। पहले तहसीलों के कई कमरों में पानी टपकता रहता था जिसे सही कराने का आदेश भी मैंने ही दिया था।

विकास कार्यों के बारे में बोलते हुए श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमारे द्वारा 42 तहसील स्वीकृत की गयी जिनमें से अधिकांश बनकर तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में विकास का बहुत काम हुआ है। 605 से ज्यादा पुल बनवाये गये हैं। सड़कों की तो गिनती ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने 2012 के चुनाव में जो वादे किये थे वह तीन से चार साल में पूरे कर दिये। हमनों बहुत बेरोजगारों को नौकरी भी दी। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी की इस बार भी पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी है इसलिये सभी अपने-अपने क्षेत्र में जुट जायें।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राजस्व मंत्री रहते हुए मैंने ही 26 एक्ट में परिवर्तन कर राजस्व संहिता लागू कराई जबकि 36 साल से राजस्व संहिता लागू नहीं हो पा रही थी। राजस्व विभाग में किसानों के 40ऋ40 साल से मुकदमें लगे थे लेकिन अब इससे किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। न्याय उनके दरवाजे तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और मेरा प्रयास है कि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए।