सुलतानपुर। हाईकोर्ट के दखल के बाद अधिवक्ता विजय प्रताप हत्याकांड को लेकर 56 दिनों से हड़ताल पर चल रहे आन्दोलित अधिवक्ता काम पर लौट आए। दायर याचिका में प्रमुख सचिव के तलब होने पर शासन भी गम्भीर हो गया था। प्रदेश मुख्यालय पर अधिवक्ता प्रतिनिधि मंडल को भी संतुष्ठ किया गया।

बीते 28 अक्टूबर को दीवानी न्यायालय आते समय अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। एसपी के ट्रांसफर व कई अन्य मांगो को लेकर अधिवक्ता हड़ताल पर चल रहे थे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री से भी मिलने की कोशिस किया था। इस मामले में अधिवक्ता की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर किया था। जिसमें प्रमुख सचिव गृह मणि शंकर तलब किए गए थे। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर उन्हे कड़ी फटकार भी लगाई थी। बार अध्यक्ष अरूण उपाध्याय के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल प्रमुख सचिव गृह से मिला था। जिसमें प्रमुख सचिव ने मांगो से सम्बंधित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन अधिवक्ताओं को दिया था। हाईकोर्ट के सम्मान और अधिकारियों के आश्वासन पर अधिवक्ता 56 दिन बाद काम पर लौट आए।

कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के कमनगढ निवासी पूर्व प्रधान के बेटे मो. सम्स ने एडीजी ला एंड आर्डर से मुलाकात कर खुद को फर्जी मुकदमें में फसाए जाने की बात कही। एडीजी से मो. सम्स ने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस ने पहले उसकी रायफल जमा करा ली थी, फिर मुकदमा अपराध संख्या 661/2016 में साजिश के तहत उसका नाम प्रकाश में ला दिया है। सम्स ने यह भी बताया कि नगर कोतवाली पुलिस सत्ता के कुछ नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। एडीजी ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए कार्यवाही का आश्वासन पीड़ित को दिया।

बार अध्यक्ष अरूण उपाध्याय ने बताया कि हाईकोर्ट में तलब होने के बाद प्रमुख सचिव गृह मणि शंकर, डीजीपी जावीद अहमद से प्रतिनिधि मंडल मिला। जिसमें प्रमुख सचिव ने एसपी को कानून के तहत कार्यवाही किए जाने का निर्देश दिया। बार अध्यक्ष ने बताया कि उनकी सभी मांग पूरी किए जाने का आश्वासन शासन ने दिया है। इसलिए हड़ताल खत्म की जा रही है। 7 जनवरी को शासन के निर्णय के बाद बैठक कर रणनीति तय की जाएगी।