नई दिल्ली। हैदराबाद में 2013 में हुए धमाके के मामले में यासीन भटकल समेत 5 आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। ये फैसला एनआईए कोर्ट ने सुनाया है। दिलसुख नगर में 21 फरवरी 2013 में धमाका किया गया था, जिसमें 18 लोग मारे गए थे।

पहली बार इंडियन मुजाहिदीन के किसी भी आतंकी को फांसी की सजा सुनाई गई है। विशेष एनआईए अदालत ने भटकल और अन्य को आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया।

भटकल के अलावा उत्तर प्रदेश के असदुल्ला अख्तर, पाकिस्तान के जिया-उर-रहमान उर्फ वकास, बिहार के तहसीन अख्तर और महाराष्ट्र के एजाज शेख को दोषी ठहराया गया। कथित मुख्य षड्यंत्रकारी रियाज भटकल अब भी फरार है। ऐसा माना जाता है कि वह कराची से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है। हमले से जुड़े मामले में अंतिम दलीलें पिछले महीने समाप्त हुई थीं। इस दौरान 157 गवाहों की पेशी हुई थी। इस मामले में मुकदमा पिछले साल 24 अगस्त को शुरू हुआ था।

एनआईए महानिदेशक शरद कुमार ने कहा कि जांच दल ने शानदार जांच की जिसमें सभी सबूतों का गहनता से परीक्षण किया गया। इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों की पहली बार दोष सिद्धि हुई है। अपने आरोप पत्र में एनआईए ने दावा किया था कि इंडियन मुजाहिदीन ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रची थी और लोगों के मन में डर पैदा करने और संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हैदराबाद में बम विस्फोट किए थे।