नई दिल्ली: नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज जहा सरकार से कई तीखे सवाल पूछे। वहीँ सरकार का पक्ष रख रहे अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने नोटबंदी को साहसिक कदम बताने के साथ यह भी कहा कि कल क्या होगा यह भगवान भी नहीं जानता।
कोर्ट ने अटार्नी जनरल से पूछा कि करोड़ों रुपये के नए नोट रोजाना पकड़े जा रहे हैं लेकिन आम आदमी को 24000 रुपये नहीं मिल पा रहे हैं। कोर्ट ने कहा आपकी अधिसूचना में है कि लोग एक हफ्ते में 24000 रुपये निकाल सकेंगे लेकिन यह नहीं मिल रहे हैं जबकि आपकी अधिसूचना अब भी 24000 रुपये देने की वादा कर रही है।

नोट पकड़े जाने की बात पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि इस मामले में अनेक बैंक अधिकारी और मेनैजर शामिल हैं जिन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक चार लाख करोड़ रुपये की नई नकदी बैंकों में जा चुकी है।

कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों, रेलवे टिकट और स्कूलों में तो पुराने नोटों को जारी रखा जा सकता है। लेकिन अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऐसा करने से सरकार को स्थिति का आकलन करने में परेशानी होगी और पुराने नोट जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर को भी आगे बढ़ाना होगा। यह अब संभव नहीं है।

उन्होंने पट्रोल पंपों का उदाहरण दिया जहां पुरानों नोटों की धांधली हुई। उन्होंने कहा कि पंपों ने 10, 50 और सौ-सौ के नोट लेने के बाद भी पांच सौ और हजार रुपये के नोट ही जमा किए और ये सब कमीशन लेकर हुआ। इसलिए पुराने नोटों को स्वीकार करने की सीमा और नहीं बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह सरकार का बड़ा और साहसिक कदम है कल क्या होगा यह भगवान भी नहीं जानता।

सुप्रीम कोर्ट ने जब यह पूछा कि आपने जिला सहकारी बैंकों से 8000 करोड़ के पुराने नोट वापस ले लिए लेकिन उन्हें उसके अनुपात में पैसा नहीं दिया। सरकार ने कहा कि उन्हें 14 दिन और इंतजार करना चाहिए। 31 दिसंबर के बाद सबको उचित अनुपात में पैसा दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि आप कुछ तो कीजिए कोई समय सीमा बताएइये। इस दौरान तमाम याचिकाकर्ता अपनी अपनी बात कहने लगे और हंगामा मच गया, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।