लखनऊ: नवयुग कन्या महाविद्यालय में आज राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित अंतरमहाविद्यालयी/विश्वविद्यालयी पैनल चर्चा का आयोजन किया गया जिसके शीर्षक ‘नेतृत्व विकास में छात्रसंघ की भूमिका’ पर चर्चा के लिए छात्र-छात्राओं के समूह बनाकर चर्चा रखी गयी। समूहों का नाम देश की प्रमुख नदियों गंगा, नर्मदा, अलखनंदा, सरयू, कोसी, सरस्वती, चिनाब, भागीरथी आदि के नाम पर रखा गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक थे तथा उनके साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 एस0पी0 सिंह, महाविद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती नीरजा गुप्ता, प्रबंधक श्री विजय दयाल सहित बड़ी संख्या में छात्रायें एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। चर्चा में प्रश्नोत्तर काल भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्र आपस में अपनी बात रखते और दूसरे छात्र-छात्रायें उनसे उसी के संबंध में अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए प्रश्न पूछते। राज्यपाल ने इस अवसर पर नवयुग कन्या महाविद्यालय की स्मारिका ‘जागृति’ व ‘नवयुग वाणी’ का लोकार्पण भी किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘बच्चे बोल रहे थे तो मेरे सामने संसद का चित्र सामने आ रहा था। एक छात्र सवाल पूछता है तो दूसरा पूरी शालीनता से उसका उत्तर देता है। आजकल तो संसद में न चर्चा होती है और न ही होने देते हैं। छात्र संघ की भूमिका का विषय सामयिक है। यह जानने की जरूरत है कि हमारे छात्र नेताओं के बारे में क्या सोचते हैं और हमारे नेता छात्रों के बारे में कैसे सोचते हैं।’ उन्होंने कहा कि हर छः माह में आयोजित होने वाले कुलपति सम्मेलन में शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय से संबंधित अन्य प्रगतियों पर भी वे चर्चा करते हैं, जिसमें छात्र संघ के चुनाव भी एक मुद्दा होता है। प्रसन्नता की बात है कि नवयुग कन्या महाविद्यालय का छात्र संघ चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया।
श्री नाईक ने कहा कि युवा राजनीति के माध्यम से देश का विकास कर सकते हैं। संसद की चर्चा पढ़ना और सुनना अध्ययन का विषय है। राज्यपाल ने संसद की चर्चा से संबंधित पं0 नेहरू, श्रीमती इन्दिरा गांधी, डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी व श्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुडे़ कई संस्मरण भी सुनायें। विद्यार्थी इस तरह की चर्चा में भाग लेकर अपनी कुशलता को निखारें तथा सहजता से अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि तर्क सहित सभ्य भाषा का प्रयोग करके अपनी बात रखनी चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा जनतांत्रिक देश है। देश 1947 में आजाद हुआ और 1950 में नये संविधान को अंगीकार किया गया। निकट भविष्य में भारत विश्व का सबसे युवा देश बनने जा रहा है। भारत में युवा की संख्या सबसे ज्यादा होगी। प्रदेश में शीघ्र ही विधान सभा के चुनाव घोषित होने वाले हैं। युवा अपने मतदान के अधिकार को देश हित में प्रयोग करें। युवा हमारे देश की बड़ी सम्पत्ति हैं। हमें अपने इस मानव संसाधन को अच्छी एवं व्यवहारिक शिक्षा देकर देश के लिये लाभदायी बनाने की आवश्यकता है। युवाओं को सही मार्ग दर्शन मिले। उन्होंने कहा कि गलत दिशा के कारण वे देश के लिए लाइबिलिटी होंगे जिसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं और देश को नुकसान हो सकता है।

श्री नाईक ने कहा कि विद्यार्थियों का पहला कर्तव्य है कि अच्छी पढ़ाई करें। पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व का विकास करें। बुद्धि और स्वास्थ्य का समन्वय करके अच्छे नागरिक बनें। व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुये उन्होंने कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।

कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय डाॅ0 एस0पी0 सिंह ने कहा कि छात्र नेतृत्व का एक उद्देश्य होता है। उद्देश्य की प्राप्ति के लिये नियोजन करने की जरूरत है। अच्छा बनने के लिये अच्छी योजना बनायें। उन्होंने कहा कि नेतृत्व विकास के लिये सकारात्मकता जरूरी है।

प्रधानाचार्या श्रीमती नीरजा गुप्ता ने आयोजन के विषय तथा महाविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।