लखनऊ: उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम द्वारा सोडिक तृतीय परियोजना के अन्तर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को व्यवसाय स्थापित करने के लिए अब एक लाख रूपये दिये जायेगें। उ0प्र0 भूमि सुधार निगम की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती पुष्पा सिंह ने विश्व बैंक मिशन के टास्क टीम लीडर श्री बयारसेहान तुमरदवा और कृषि विशेषज्ञ डॉ0 पॉल सिद्दू के समक्ष महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक उन्नयन में आ रही धन की कमी का मुद्दा उठाया। विश्व बैंक प्रतिनिधियों ने परियोजना के अन्तर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को एक लाख रूपये की सहायता दिये जाने पर सहमति व्यक्त की। परियोजना के अन्तर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को अभी तक आर्थिक गतिविधि के लिए मात्र 45000 रू0 की सहायता दी जा रही थी।

विदित हो उ0प्र0 भूमि सुधार निगम द्वारा सोडिक तृतीय परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के 32 जिलों में अब तक 2410 ग्रामों का चयन किया गया था। इन सभी ग्रामों में 5494 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए उन्हे उद्योग, व्यवसाय और सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर आजीविका सहयोग हेतु आर्थिक सहायता दी जा रही है। गठित समूह बकरी पालन, दुधारू पशुपालन, मधुमक्खी पालन, सब्जी की खेती, फूलों की खेती, खाद प्रसंस्करण उद्योग जैसे-दलिया, बेसन, बड़ी, पापड़, पिसे मसाले इत्यादि बनाने का कार्य तथा सिलाई, कढ़ाई, मिठाई के डिब्बे, दोना-पत्तल, अगरबत्ती, मोमबत्ती, परचून दुकान, रेडीमेट कपड़े, डलिया, खिलौने बनाने का कार्य कर रहे हैं। इनको अभी तक 45000 रूपये की सहायता दी जा रही थी। 15 सदस्यों वाले महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए यह धनराशि काफी कम थी। एक लाख रूपये की सहायता मिलने से गठित समूह अपनी आर्थिक गतिविधि को और अच्छी तरह से करके अधिक आमदनी प्राप्त कर सकेगें।

महिला समूहों की आमदनी बढ़ने से उनका आर्थिक एवं सामाजिक विकास होगा और प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा मिलेगी।

विश्व बैंक मिशन दल के सदस्य कल 15 दिसम्बर को कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 शासन के साथ बैठक कर उन्हे परियोजना में हो रहे कार्यों और भविष्य की कार्य योजना से अवगत करायेगे।