लखनऊ: ऑल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के तत्वाधान में हज़रत मख्दूम शाहमीना शाह की दरगाह से जुलूस-ए-मोहम्मदी बड़े ही शानो शौकत के साथ निकाला गया जिसमें शहर की तकरीबन 200 से अधिक अन्जुमनों ने शिरकत की अन्जमुन ने घोडे बग्घी, और भिन्न भिन्न तरीके की झाकियों और झण्डे बैनरों से पूरा महौल खुशनुमा बना दिया। यह तमाम अन्जुमन लखनऊ शहर की शहराहों से खुले झण्डे बैनर के साथ दरगाह हज़रत मख्दूम शाहमीना पहुची। इतने बड़े जनसैलाब को देखकर जिला प्रशासन के पसीने झूठ गये देखने वालों का कहा था कि तकरीब एक लाख से अधिक अशीकाने रसूल बिना किसी तफरीके मज़हबो मिल्लत के मौजुद थें ऐसा महसूस हो रहा था जैसे पूरे लखनऊ के हर कोने से आशिकाने रसूल चले आ रहे है दरगाह हज़रत मख्दुम शाहमीना के चारो तरफ तकरीब 1 किलोमीटर तक अपार भीड़ इकटठा थी।

जुलूस की क़यादत काज़ी-ए-शहर मुफती अबुल इरफान मियॉं फिरंगी महली और हज़रत सैयद अयूब अशरफ़ किछौछवी राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इण्डिया मोहम्मदी मिशन ने की। जुलूस हज़रत मख्दूम शाहमीना शाह की दरगाह से निकलकर मेडिकल चौराहे से होता हुआ वाया चौक मण्डी नीबू पार्क तक पहुचकर वापस हज़रत शाहमीना आकर एहतेजाजी जल्से में तब्दील हो गया क्यों इस वर्ष प्रशासन की तरफ से जश्ने मोहम्मदी के लिए कोई माकूल इन्तेजाम सरकार की तरफ से नही किया गया जो एक सवालिया निशान है।

ऑल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ ने कहा कि विगत कई वर्षो से जुलूस-ए-मोहम्मदी की शाहराह को तय करने के लिए हुकूत तथा जिला प्राशासन से आग्रह किया गया परन्तु टालमटोल की नीति के अतिरिक्त कुछ प्राप्त नही हुआ उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन हमें गुमराह करती चली आ रही है और अभी तक जुलूस ए मोहम्मदी के मार्ग का विस्तार के सम्बन्ध कोई निर्णय नही लिया गया जो मुसलमानो के साथ विश्वासघात है उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि शीघ्र जुलूस-ए-मोहम्मदी के मार्ग का विस्तार करके इस गम्भीर विषय पर विराम लगाए। अन्यथा मिशन को विवश होकर पूरे प्रदेश में अन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु निर्णय लेना पडे़गा।

काज़ी-ए-शहर अबुल इरफान मियॉं फिरंगी महली ने कहा कि अल्लाह तआला ने अपने नबी के जिक्र को बुलन्द किया है। यही वजह है कि हम अपने आक़ा व मौला सरवरे कायनात की विलादत ब सआदत के मौके पर जश्न-ए-मोहम्मदी मनाते और जुलूस ए मोहम्मदी निकालते हैं मगर बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इस वर्ष प्रशासन ने जश्न-ए-ईद मीलादुन्नबी लिए हमारे सरकार की शान के मुताबिक जगह न देने पर गम और गुस्से का इज़हार किया और जुलूस-ए-मोहम्मदी के बाद दरगाह शामीना में एहतेजाजी जल्से को खिताब किया और यह मांग किया कि हकुमत मुसलमानों के जज़्बात से खिलवाड़ कर रही है और मुसलमानों के आस्था और अकीदत का कोई खयाल नही रख रही है जबकि हमारे आकाए नामदार ताजदारे मदीना मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम की पूरी ज़िदगी तमाम इन्सानों के लिए राहेअमल है।

मिशन के नायब सदर शाकिर अली मिनाई बाबू भाई, डॉ एहसान उल्लाह, सैयद एकबाल हाशिमी, मुमताज़ खान ने आए हुए तमाम लोगों, पत्रकार बन्धुओं, प्रशासन का शुक्रिया अदा किया जुलूस-ए-मोहम्मदी में मुख्य रूप से सैयद मोहम्मद अहमद मियॉ किछौछवी, सैयद मोहम्मद हाशिम, क़ारी रौशन अली क़ादरी, अमान अतिक, फैज़ान अतिक फिरंगी महली सैयद अरशद अशरफ, मोहम्मद आरिफ मियॉ नख़्शबन्दी, सैयद अहमद नदीम, अब्दुल मन्नान मुशाहिदी, ओलमा-ए-एकराम आइम्माए मसाजिद आदि शामिल हुए।