लखनऊ : चेहलुम के जुलूस में देरी का बहाना बनाकर एडीएम पश्चिमी लखनऊ जे शंकर दुबे द्वारा जारी नोटिस का जवाब देते हुए मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने अपने जवाबी पत्र में कहा कि उक्त नोटिस अल्पसंख्यक विरोधी और अजादारी को खत्म करने की सुनियोजित साजिश है। मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने जारी नोटिस का विस्तृत जवाब देते हुए कहा कि मुसलमानों में एकता के प्रयासों को विफल करने के कुप्रयास के तत्क्रम मंे जिला प्रशासन के द्वारा मुस्लिम समुुदाय में फूट डलवाने का काम किया जा रहा है एवं अजादारी को माध्यम बनाकर विधानसभा चुनाव की पुर्व सन्ध्या पर मुसलमानों को बांटने का कार्य किया जा रहा है।

मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने ये स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रैफिक जाम की समस्या से हम भली भांाति अवगत हैं, और किसी भी प्रकार से जनता को समस्या पहुंचाने और ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा करने के पक्षधर नहीं हैं।परन्तु ट्रैफिक जाम और इसके सापेक्ष होने वाली असुविधाओं के कई कारण हैं। जिसमें प्रमुख रूप से शासन और प्रशासन की मदद से शहर भर में हुए अतिक्रमणध् अवैध निर्माणध् विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों की रैलियां और जुलूस आदि शामिल हैं। इन सबके लिए किसी एक वर्ग विशेष के आयोजन को दोष देना असंगत है।
मौलाना ने अपने जवाब द्वारा एडीएम पश्चिमी लखनऊ से इस संबंध में सभी समुदायों के प्रति समान व्यवहार रखने की अपील की एवं जिस प्रकार से अन्य धर्मांे के पार्वांे पर उनकों स्टाल व होर्डिंग लगाने की स्वतंत्रता होती है उसी प्रकार मुस्लिम समुदाय को भी प्रसाद वितरण के लिए स्टाल और होर्डिंग लगाने की स्वतंत्रता दी जाए। मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने जनहित उक्त नोटिस मंे वर्णित जनहित याचिका के संबंध में बताया कि उक्त याचिका जिला प्रशासन की मिलीभगत से दाखिल की गई प्रतीत होती है जिसका मंतव्य अवध की ऐतिहासिक अजादारी को समाप्त करने का है। राज्य की धर्मनिरपेक्ष सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने सरकार से मुसलमानों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की अपील भी की।