सीआरपीएफ कैम्प में मानवाधिकार दिवस का आयोजन

सुलतानपुर। वर्तमान बदलते परिदृष्य में मानवाधिकारोंका महत्व अत्यन्त बढ़ गया है।और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह मानवाधिकार के संरक्षण में अपना योगदान दे। इसी क्रम में मानवाधिकार के संरक्षण में सुरक्षा बलों की भी अत्तन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे सुरक्षा बलों को अत्यन्त विपरीत परिस्थितियां में अपने काम को अंजाम देना पड़ता है। साथ ही समाज की यह अपेक्षा होती है कि वे मानवाधिकारों को बनाए रखने में भी अपना योगदान दें। इस प्रकार इस संबंध में सुरक्षा बलों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाती हे। उक्ताशय के विचार जनपद न्यायाधीश डाक्टर नरेश कुमार बंसल के सीआरपीएफ कैम्प त्रिशुंडी मं आयोजित मानवाधिकार दिवस समारोह के अवसर पर व्यक्त किये। इसके पूर्व बोलते हुए सीआरपीएफ कमाण्डेंट परम शिवम् ने कहा कि सुरक्षा बलों को दोहरी जिम्मेदारियां निभानी पडती है। एक तरफ युद्ध के दायित्वों का निर्वहन करना पडता है और दूसरी तरफ उन पर मानवाधिकार को बनाए रखने की जिम्मेदारी भी होती है। भारत में सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों को पहली प्राथमिकता दी जाती है। और प्रत्येक स्थिति में नगरिकों के अधिकारों का सम्मान किया जाता है। कार्यक्रम के प्रथम चरण में मानवाधिकार के संरक्षण मे सुरक्षा बलों की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।