लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस के मौके पर आज लखनऊ के अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पण समारोह का आयोजन किया। इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियां बाबा साहब को लेकर भ्रम फैलाती हैं। ये पार्टियां दलितों और पिछड़ों के बीच फर्क पैदा करती है। बसपा के शासन में लोगों को हक मिला।

मायावती ने अपने भाषण में कहा कि समाजवादी पार्टी परिवार ने राजनीतिक क्षेत्र में जो जगह बनाई है वो बाबा साहब अंबेडकर की वजह से ही है। सपा मुखिया को ऐसी बातें करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

मायावती ने कहा कि अपने देश में दलित, अादिवासी, पिछड़े लोगों, अल्‍पसंख्‍यक लोगों को बहुत संघर्ष करना पड़ा है। ये लोग सुरक्षित रहें, इसके लिए बाबा साहब ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान का निर्माण किया।

उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को संविधान नहीं पसंद है। ये लोग इसे बदलना चाहते हैं, आप लोगों को इनसे सावधान रहने की जरूरत हैं।

उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर ​हमला बोलते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने पिछड़े समाज को बांटने की कोशिश की। हमारे लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न दिया जाए, इसके लिए बहुत संघर्ष किया।

उन्होंने कहा कि मैं अति पिछड़े वर्ग के लोगों को बताना चाहती हूं कि वीपी सिंह की जब सरकार बनी थी, तब हमारी पार्टी के तीन सांसद चुने गए थे। मैं खुद लोकसभा में चुनकर गई थी। उस समय वीपी सिंह की सरकार ने बसपा से समर्थन मांगा।

बसपा ने वीपी सिंह को तीन शर्त पर समर्थन दिया था। इनमें से तीन शर्त में पहली शर्त बाबा साहब को भारत रत्न दिए जाने की मांग थी। इसके अलावा दूसरी मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करना और तीसरी भाजपा की कमंडल यात्रा का एजेंडा नहीं लागू होने देना थी।

तीनों शर्तों को मानने के बाद भाजपा ने वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, तब सरकार गिर गई थी। इससे साबित होता है कि भाजपा दलित, अल्पसंख्यक आदि के साथ साथ बाबा साहब की विरोधी है। पीएम मोदी ने ओबीसी वर्ग का हक मारने के साथ साथ उनके साथ छलावा करने का भी काम किया है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सभी को ध्यान में रखकर संविधान का गठन किया लेकिन भारतीय जनता पार्टी को ये अच्छा नहीं लगा। वे बाबा साहब को मान सम्मान नहीं देना चाहते इसलिए छह दिसंबर को ही विवादित ढांचे को खंडित किया।

मायावती ने कहा कि भाजपा ने ज्यादातर सरकारी कार्य प्राइवेट सेक्टर को देना शुरू कर दिया है। इससे आप लोगों का आरक्षण पहले से कम हो जाएगा। बीजेपी एंड कंपनी बाबा साहब के नाम पर प्रतिमा स्थापित करने की बात क्यों न करते रहें लेकिन तो भी लोग इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सपा सरकार में जो-जो बड़े आर्थिक फैसले लिए गए हैं, उसकी जांच कराई जाएगी और जो दोषी पाए जाएंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इसके लिए यूपी की जनता को यहां बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना जरूरी है।

रैली में भाषण देते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव के नजदीक विरोधी पार्टी के लालचों से सावधान रहना है। पीएम मोदी और भाजपा की हवा हवाई बातों से भी जनता को दूर रहना है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के आम चुनावों के नजदीक होने से जो शिलान्यास और घोषणाएं कर रहे हैं, वो चुनावों के बाद ठंडे बस्ते में चली जाएंगी।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद पीएम मोदी गाजीपुर रैली में विरोधी पार्टी से कह रहे थे कि ये कैसे चुनाव लड़ते हैं। नोटबंदी से बुरा प्रभाव बसपा पर नहीं पड़ेगा क्योंकि हमारी पार्टी पॉलिटिकल बाद में है, मूवमेंट पहले है।

उन्होंने कहा कि जब बीजेपी की परिवर्तन रैली होती है, तो भाड़े की भीड़ लाते हैं तब जाकर ये अपनी रैली कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि आप लोग भाड़े की भीड़ ले आओ लेकिन चुनाव में ये हथकंडा काम नहीं आएगा।