मुंबई: जमीअत उलेमा महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना मुस्तकीम अहसन आजमी ने अगले सप्ताह शुरू होने वाले महाराष्ट्र के नागपुर के विधानसभा सत्र के अवसर पर मुस्लिम विधायकों के नाम एक पत्र के माध्यम से ध्यान दिलाया है कि वह नागपुर बैठक के अवसर पर सरकार से मांग करें कि 6 जनवरी 2013 को धूलिया शहर में होने वाले सांप्रदायिक दंगों को लेकर नियुक्त पूर्व जस्टिस माटे और पूर्व जस्टिस चांदी वाल की जांच रिपोर्ट विधानसभा सत्र में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करके यह स्पष्ट भी करे कि उसके अनुसार कया कारवाई की गई।
गौरतलब है कि 6 जनवरी 2013 को धूलिया शहर के मछली बाजार में रिक्शा चालक और होटल मालिक के बीच पैसे के लेन-देन पर विवाद हुआ और फिर वह बड़े दंगों में तब्दील हो गया, जिसमे असामाजिक तत्वों और पुलिसकर्मियों ने मुसलमानों की संपत्ति को लूटा और जला दिया।
पुलिस ने मुसलमानों पर फायरिंग कर 6 लोगों को मौत के हवाले कर दिया और कई लोग पुलिस की गोलियों से घायल हो गए। जिसके बाद स्थानीय जमीअत उलेमा और अन्य संगठनों की मांग पर सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश दिया, जमीअत उलेमा महाराष्ट्र ने आयोग में मुसलमानों का मामला प्रस्तुत करने के लिए पूर्व न्यायाधीश अधिवक्ता परांजपे और एडवोकेट अशफाक शेख को इसकी जिम्मेदारी सौंपी।