लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज विश्वेश्वरैया हाल में गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के साठवें वार्षिक अधिवेशन में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त जन श्लोक चरैवेति! चरैवेति!! से सबक लेकर चलते रहे। श्लोक चरैवेति! चरैवेति!! जीवन का संदेश देता है। रूकने से सफलता नहीं मिलती है। सेवानिवृत्ति के बाद समाज सेवा का कार्य करते है तो आपको, आपके परिवार को और समाज को इसका लाभ होगा। अनुभव के खजाने को समाज के कल्याण के लिए प्रयोग करें। काल के परिवर्तन के साथ स्वयं में भी परिवर्तन लायें। नयी पीढ़ी का सही और प्रमाणिकता से मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि मन और शरीर के समन्वय से सुख का अनुभव होता है।

राज्यपाल ने कहा कि संवाद जनतंत्र की आत्मा है। दूसरों की समस्याओं को सुलझाने में अपना आनन्द है। ऐसा संवाद जब संगठन के माध्यम से होता है तो उसका अधिक लाभ होता है। हर प्रकार की समस्या का समाधान संवाद से समाप्त हो सकता है। जो लोग सेवा में हैं उन्हें यह मानना चाहिए कि सेवा का काल जन पीड़ा को दूर करने के लिए होता है। अपनी सेवा के माध्यम से अपने दायित्व के प्रति न्याय करें। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्तों का संगठन सेतु की तरह काम करे।
न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) कमलेश्वर नाथ कहा कि सेवानिवृत्त लोगों के लिये व्यस्त रहना ही सबसे बड़ा मंत्र है। अपने कार्यक्षेत्र को विस्तृत करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन सेवानिवृत्त लोगों की पीड़ा को समझे।

न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एस0सी0 वर्मा ने कहा कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के संतुलन से जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकता है। सेवानिवृत्त जन अपने अनुभव का सदुपयोग करते हुए समाज सेवा में सहभाग करें। उन्होंने कहा कि सुशासन के माध्यम से भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर 80 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संगठन के आजीवन सदस्यों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया तथा सेवानिवृत्त इंजीनियर श्री आर0एस0 त्रिपाठी की स्वरचित पुस्तक ‘कवितापत्रादिकं’ का विमोचन किया और संगठन की स्मारिका का भी लोकार्पण किया।