मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए रविवार को कहा कि केंद्रीय बैंक पुराने बड़े मूल्य के नोटों पर पाबंदी से उत्पन्न स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा कर रहा है और नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को दूर करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है. आरबीआई प्रमुख ने कहा कि उनकी स्पष्ट मंशा है कि परिस्थितियां जल्द से जल्द सामान्य हों.

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि 5,00 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी के बाद स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है और नोट मुद्रण कारखानों ने 100 और 500 रुपये के नोट की छपाई पर जोर देना शुरू किया है.

उन्होंने नागरिकों से भुगतान के लिए डेबिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट जैसे विकल्पों का उपयोग शुरू करने का अनुरोध किया और कहा कि इससे लेन-देन सस्ता तथा आसान होगा तथा आगे चल कर भारत को विकसित देशों की तरह नकदी के कम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, 'हम बैंकों से व्यपारियों के बीच पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों को बढ़ावा देने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि डेबिट कार्ड का उपयोग ज्यादा प्रचलित हो.' पटेल ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक ने 1,000 और 500 रुपये के नोट जमा करने से बैंकों की जमा में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण बढ़ी हुई नकदी पर 100 प्रतिशत सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि एक बार सरकार अपने वादे के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में एमएसएस (बाजार स्थिरीकरण योजना) बांड जारी कर देती है तो उसके बाद सीआरआर बढाने संबंधी इस निर्णय की समीक्षा की जाएगी.

रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए उर्जित पटेल ने कहा, 'आरबीआई और सरकार दोनों ही मुद्रण कारखानों को पूरी क्षमता से चलवा रहे हैं, ताकि मांग को पूरा करने के लिए नये नोट उपलब्ध हों.' उन्होंने कहा, 'रिजर्व बैंक हर दिन बैंकों से बातचीत कर रहा है. वे हमें बता रहे हैं स्थिति धीरे-धीरे सहज हो रही है. शाखाओं और एटीएम पर कतारें छोटी हो रही हैं और बाजार चालू हो रहे हैं. दैनिक उपभोग की वस्तुओं की किसी कमी की रिपोर्ट नहीं है.'

पटेल ने कहा, 'साथ ही करीब 40,000 से 50,000 लोगों को एटीएम में जरूरी सुधार के लिए लगाया गया है. मुद्रा उपलब्ध है और बैंक रुपये को उठाने तथा उसे अपनी शाखाओं एवं एटीएम में पहुंचाने के लिए मिशन के रूप में काम कर रहे हैं. सभी बैंकों के कर्मचारियों ने बड़ी मेहनत की है और हम सभी उनके अभारी हैं.' उन्होंने कहा, 'इतना कुछ कहने के बाद, स्थिति की नियमित आधार पर समीक्षा करना और तथा उन नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को कम करने के निर्णय लेना महत्वपूर्ण है जो ईमानदार है तथा जिन्हें तकलीफ हुई है.'

उन्होंने कहा कि इस विषय में इस पैमाने का कोई उदाहरण हमारे सामने नहीं है, इस मामले में हमें स्थिति के हिसाब से चलना पड़ेगा.' पटेल ने कहा, 'लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर नई मुद्रा का आकार और कागज की मोटाई पुराने से अलग क्यों है. इसका कारण यह है कि नई मुद्रा का डिजाइन इस रूप से बनाया गया है कि इसकी नकल मुश्किल हो. जब आप इस पैमाने पर बदलाव के लिए कदम उठा रहे हैं, आपको अच्छे से अच्छे मानदंड अपनाने की जरूरत होती है.'