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सुलतानपुर: नोट को लेकर गांव में हालात खराब

सुलतानपुर। एक हजार और पांच सौ की नोटों के बन्द किये जाने के बाद नगदी की किल्लत से जुझ रही ग्रामीण जनता की बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उपेक्षा किये जाने से हालात खराब हुए है। लगभग सभी बैंकों ने शहरी क्षेत्रों की शाखाओं और एटीएम मशीनां में ही नगदी डालने में रूचि दिखायी जिसके चलते ग्रामीण बैंकों और ग्रामीणो को पिछले 15 दिनों में खासी दिक्कत का सामाना करना पड़ा है। नोट की किल्लत के कारण तमाम तरह की परेशानी उठा रहे, कई दिनों से बैंक में लाइन लगा कर शाम को बैंक का खजाना खाली होने के बाद मायूस होकर वापस लौटने वाली महिलाएं, बुजुर्ग, भी नोट बंदी के फैसले को सही ठहरा रहे है। हमारा जनता के इस जज्बे को लाल सलाम करता है।

बैंक बाफॅ बड़ौदा के सुलतानपुर अधिकारियों द्वारा मीडिया में ग्रामीण बैंक में नगदी के संकट के लिए कुप्रबन्धन को जिम्मेदार बताये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल फेडरेशन आफॅ आरआरबी इम्पलाइज महासचिव ने कहा है कि बीओबी के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए झूठी बयानबाजी कर रहे है। उन्होंने तो बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक और उपभोक्त के रिश्तेको भी नही निभाया। सुलतानपुर शाखा में ग्रामीण बैंक ने 10 करोड़ रूपया केवल इसी लिए बिना व्याज के रख छोड़ा है कि जरूरत पर नगदी मिल सके। पिछले 15 दिनो में किसी भी ग्राहक को 2000 से ज्यादा पैसा दिया ही नही गया है। जिन ग्राहकों के यहां शादियों पड़ी है या बीमारी के लिए यदि कुछ अधिक पैसा देना पड़ा है तो 10 हजार से भी कम का भुगतान जिले से कराया गया है। ग्रामीण बैंक के ग्राहकों ने इस संकट की घड़ी मे जिस धैर्य का परिचय दिया है वह सराहनीय है। ग्रामीण बैंक के स्टाफ और ग्राहकों में इस बात पर जरूर गुस्सा है कि जहां उन्हे ग्रामीण बैंक में पैसा नही मिला या बहुत ही कम मिला वहीं पर बैंक आफॅ बड़ौदा के ग्राहकों को सामान्य तौर पर 10 से 15 हजार की नगदी ग्रामीण क्षेत्रां की शाखाओं पर दी गयी है। पिछले दिनों बैंक आफ बड़ौदा के स्थानीय अधिकारियों के असहयोग की शिकायत प्रधानमंत्री वित मंत्री सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों से की गयी। ग्रामीण बैंक के संगठन पदाधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी से गुहार किये जाने के बाद जिला प्रशासन ने भी दबाव बनाया तो अब नाराज बैंक आफ बडत्रैदा के अधिकारियों ने सुलतानपुर के करेंसी चेस्ट से पैसा देना पूरी तरह से ठप कर दिया है। ग्रामीण बैंक को नगदी मुहैया कराने का काम लखनऊके जोनल आफिस पर डाल दिया है। उम्मीद जतायी गयी है कि ग्रामीण क्षेत्र में अब नगदी का प्रवाह तेज होगा जिसके जल्द ही हालात सामान्य होंगे।

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