नैनीताल: सीबीआई ने फर्जी पासपोर्ट मामले में एक बार फिर आचार्य बालकृष्ण के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है। ये सवाल हाईकोर्ट के निर्देश पर पेश किए गए शपथपत्र में उठाए गए हैं।
नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ ने कुछ समय पूर्व सीबीआई को योगगुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ दर्ज फर्जी पासपोर्ट मामले में शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को सीबीआई ने शपथपत्र दाखिल कर दिया।
सीबीआई ने शपथपत्र में एक बार फिर जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कहा है कि पासपोर्ट बनाने के लिए जमा कराए गए शैक्षिक दस्तावेज संदिग्ध हैं। सीबीआई ने शपथपत्र में यह भी कहा है कि यह पूरा मामला फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने का है। एकलपीठ ने मामले में हाईकोर्ट ने बालकृष्ण को दो सप्ताह के भीतर प्रति शपथपत्र दाखिल करने को कहा है।
आचार्य बालकृष्ण के पासपोर्ट का मामला 2011 से चल रहा है। सीबीआई ने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर पासपोर्ट बनाने का आरोप लगाते हुए पासपोर्ट अधिनियम के तहत बालकृष्ण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बालकृष्ण ने मामले को राजनीति प्रेरित बताते हुए एफआईआर रद्द करने की याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच में सहयोग के निर्देश के साथ गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया था। इसके साथ ही पासपोर्ट हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर में जमा करा लिया गया था।
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