रबूपुरा: ’’राजनैतिक पार्टियां और धर्म के ठेकेदार मदद के लिए नही वोट के लिए करते हैं हमारा इस्तेमाल’’। उपरोक्त शब्द डा0 मारफत खांन ने रबूपुरा में वरिष्ठ किसान नेता ठाकुर धीरेन्द्र सिंह के आवास पर कहे। जैसा कि विदित ही है कि रबूपुरा थाना क्षेत्र में 03 महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया तथा उत्तर प्रदेश सरकार की उदासीनता और पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते धीरे-धीरे क्षेत्र में आक्रोश बढता जा रहा है, उसी घटना के सम्बन्ध में अल्पसंख्यकों का एक प्रतिनिधिमंडल आज गैंगरेप पीडित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे वरिष्ठ किसान नेता ठाकुर धीरेन्द्र सिंह व किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष चौधरी अमरपाल सिंह से मिला तथा पुलिस द्वारा अभी तक वारदात का खुलासा न किये जाने के लिए संघर्ष को ओर अधिक तेज किये जाने की रणनीति पर विचार किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डा0 मारफत खांन और हाजी महबूब खां ने बताया कि ’’एक रेप पीडिता का पति उनके पडोस के गांव नगला शरीफ खां, का रहने वाला बेहद कमजोर और गरीब होने के साथ-साथ वारदात के बाद से बेहद डरा और सहमा हुआ है तथा पुलिस के उल्टे सीधे सवालों की वजह से पीडिता सदमें में आ गयी है, जिससे उनकी हालत को देखा नही जाता।’’ वरिष्ठ किसान नेता ठाकुर धीरेन्द्र सिंह ने उन्हें आश्वस्त करते हुए पूरा भरोसा दिलाया कि ’’पुलिस की कार्यशैली से जनता का विश्वास उठ चुका है, अभी तक एक भी सुराग ऐसा नही मिला, जिससे पुलिस बदमाशों के नजदीक पहुॅच सके। यहां तक की प्रशासन द्वारा पीडित महिलाओं की काउन्सलिंग भी नही कराई गयी, जिससे उन्हें सदमें से बाहर लाया जा सके। शीध्र ही महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग से पीडितों की सहायतार्थ गुहार लगाई जायेगी तथा सडकों पर इंसाफ की इस लडाई को मजबूती से लडा जायेगा।’’

प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से शाहिद मंजूर प्रधान , हाजी अहसान अहमद, हाजी इस्लाम सैफी, हाजी खांन मौहम्मद, हाजी इंत्याज खांन, अल्ताफ खांन, छोटे खांन, हाजी जान मौहम्मद व हाजी उमर मौहम्मद मौजूद रहे