सुलतानपुर। मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक से जहां काले धन के कुबेरों में हड़कम्प मचा हुआ है, वही बैंककर्मी धन कुबेरों के सारथी बन बैठे है। आरोप है कि उपभोक्ताओं से साढ़े चार हजार का हस्ताक्षर कराने के बाद उन्हें महज दो हजार रूपये सौपे जा रहे है। सूत्रों का दावा है कि यह कृत्य इसलिए किया जा रहा है कि नोटों की आसानी से अदला-बदली की जा सके।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब हजार और पांच सौ रूपये की नोट बंदी का ऐलान किया तो धन कुबेरों में खलबली मच गयी। धीरे-धीरे धन्ना सेठों ने अपनी काली कमाई को सफेद करने का जरिया ढूढ लिया। इस कारनामें में बैंककर्मी भी हमराह हो गये। सूत्रों के मुताबिक करीब-करीब सभी बैंको में पुरानी नोट के बदले नई नोट दी जा रही है। इसके पीछे बड़ा लम्बा खेल चल रहा है। उपभोक्ताओं से चार हजार के फार्म पर हस्ताक्षर कराने के बाद दो हजार रूपये की नगदी दी जाती है। विरोध करने पर बैंककर्मी मारपीट पर उतारू हो जाते है। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि बैंक के अधिकारी पीछे के दरवाजे से धनाडयों को नई नोट थमा देते है। सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे लम्बा कमीशन चल रहा हैं। पहले से सेटिंग कर ली जाती है। यहां तक कि झू ठमें ही रूपया खत्म होने की बात कहकर उपभोक्ताओं को लौटा देते है। साई 786 सेवा समिति ने इस गोरखधंधे में शामिल बैंककर्मियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही की मांग किया है।