नई दिल्ली: देश के करीब 10 करोड़ कर्मियों के लिए यह बड़ी खबर है. प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) के निष्क्रिय खातों में पड़े धन पर अब ब्याज मिलेगा. लेकिन यह ब्याज केवल उन्हीं खातों पर मिलेगा जो 36 महीने या इससे भी पुराने हैं.

2011 से लेकर अब तक पीएफ के निष्क्रिय खातों पर ब्याज नहीं मिलता था. यदि 36 महीनों में किसी पीएफ खाते में कोई कंट्रीब्यूशन नहीं किया गया है तो उन्हें निष्क्रिय खातों की सूची में गिना जाता था. इसलिए यदि कोई कर्मी नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ अकाउंट में जमा पैसे 36 महीनों तक न तो विदड्रॉ करवाता था और न ही ट्रांसफर करवाता था तो उसका खाता निष्क्रिय मान लिया जाता था और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलता था.

11 नवंबर को जारी हुए नोटिफिकेशन में श्रम मंत्रालय ने कहा है कि '55 साल की आयु के बाद रिटायरमेंट लेने वालों या फिर हमेशा के लिए विदेश माइग्रेट हो जाने वालों' के खातों को निष्क्रिय माना जाएगा. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि 58 साल की आयु तक पीएफ सब्सक्राइबर के अकाउंट निष्क्रिय नहीं माने जाएंगे और इन पर ब्याज मिलता रहेगा.

केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने पहले ही कहा था कि देशभर में इन 'निष्क्रिय खातों' में 42 हजार करोड़ रुपया पड़ा है. ईपीएफओ हर साल ब्याज दरों का ऐलान करता है और साल 2015-16 में ब्याज दरें 8.8 फीसदी थीं. इस साल के लिए ब्याज दरों का ऐलान करना बाकी है.