नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के विरोध में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन कौंपने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी अपनी पार्टी के 44 सांसदों के साथ संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक एक किलोमीटर का पैदल मार्च किया. इसमें शिवसेना और आप के सांसद भी शामिल थे. इस मार्च में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला भी ममता का साथ देते नजर आए.
भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी इस मार्च में शिरकत की. मार्च में शिरकत के लिए खुद ममता बनर्जी ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि नोटबंदी का फैसला शिवसेना से पूछकर नहीं लिया गया है, जनता के हित के मुद्दे पर शिवसेना किसी के भी साथ जा सकती है. क्या ममता, क्या मुलायम? अपने दावे को और मजबूती से रखते हुए राउत ने याद दिलाया कि एक जमाने में ममता उनके साथ रही है और वे जनसमर्थन प्राप्त नेता हैं.
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