बेंगलुरू: 500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को अचानक बंद किए जाने के बाद देशभर के बैंकों और एटीएम पर मची अफरातफरी से दूर बेंगलुरू में करोड़ों रुपये के खर्च के बावजूद बिना किसी रुकावट के हो रही एक शादी सबका ध्यान खींच रही है.

'माइनिंग किंग' कहलाने वाले कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी की बेटी का विवाह बुधवार को होने जा रहा है. इस शादी के लिए निमंत्रण पत्र भी एक बक्से में भेजा गया था, जिसमें एलसीडी स्क्रीन पर प्रकट होकर पूरा परिवार न्योता देता दिखाई दिया था, और उसी समय अंदाज़ा हो गया था कि शादी कितनी 'शाही' होगी.

बैंगलोर पैलेस ग्राउंड में बॉलीवुड के आर्ट डायरेक्टरों की मदद से तैयार किए गए बड़े-बड़े आकार के सेट लगाए गए हैं, जो दरअसल हम्पी के विठ्ठल मंदिर से लेकर चेन्नई के काउल बाज़ार की नकल हैं. इनके अलावा दुल्हन ब्रह्माणी रेड्डी तथा दूल्हे राजीव रेड्डी के घरों की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं. जहां खाने-पीने का इंतज़ाम किया गया है, उस क्षेत्र को बेल्लारी के उस गांव का रूप दिया गया है, जो जनार्दन रेड्डी का गृहनगर है.

प्रवेश द्वार से विवाह हॉल तक मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए लगभग 40 बैलगाड़ियों की व्यवस्था की गई है. फूलों से बने हाथियों, संगीतज्ञों तथा रेड्डी परिवार की तस्वीरों वाले विशालाकार गुब्बारों से सजावट की गई है. प्रसिद्ध तिरुमला मंदिर से आठ पुजारियों का लाया गया है. रेड्डी परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक वीआईपी सहित लगभग 50,000 लोगों को न्योता दिया गया है, तथा सुरक्षा के लिए लगभग 3,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे.

अगर निमंत्रण पत्र देखकर सभी की आंखें फटी रह गई थीं, तो यकीन कीजिए, शादी उससे कहीं ज़्यादा चकाचौंध कर देने वाली है, और इस शादी में वैसी कोई परेशानी देखने को नहीं मिलेगी, जैसी 500 और 1,000 रुपये के नोटों के अचानक बंद हो जाने से बाकी शादियों में हो रही हैं.

रेड्डी परिवार के लिए इस शादी के इंतज़ामात करने वालों का दावा है कि लगभग 30 करोड़ खर्च किया जा रहा है, और "सभी भुगतान ईवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को चेक के ज़रिये दिया गया है, और हर खर्च का हिसाब रखा जा रहा । " बताया गया है कि जनार्दन रेड्डी ने शादी के बाद सभी बिल दिखाने का वादा किया है.

49-वर्षीय 'माइनिंग किंग' कभी कर्नाटक के सबसे ताकतवर लोगों में शुमार होते थे, और जुलाई, 2011 तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री भी थे. वह गैरकानूनी माइनिंग (खनन) के एक मामले में तीन साल जेल में रहे, और उन्हें पिछले साल ज़मानत पर रिहा किया गया था.