लखनऊ। रिहाई मंच ने मैसूर जेल में मुस्तफा की हत्या पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भाजपा शासित राज्यों की तर्ज पर कांग्रेस शासित राज्यों की जेलों में भी हो रही हैं मुस्लिम कैदियों की हत्याएं। मंच ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि मैसूर जेल में मुस्तफा की हत्या ने साबित कर दिया है कि जेलें मुस्लिम कैदियों के लिए कत्लगाहों में तब्दील हो गई हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता व मुस्लिम विरोधी नीतियों पर सभी सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियां एकमत हैं, इसीलिए मैसूर में मुस्तफा, यरवदा में कतील सिद्दीकी और लखनऊ में पुलिस हिरासत में मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या कर दी जाती है। मध्य प्रदेश में जेल से निकालकर आठ कैदियों की हत्या के बाद जिस तरह से मैसूर जेल में मुस्तफा की हत्या हुई उसने साफ कर दिया है जेलों में मुस्लिम कैदी सुरक्षित नहीं हैं। मुस्तफा की हत्या के बारे में आ रही सूचनाएं कि उसे किरण शेट्टी नाम के व्यक्ति ने थाली से पीट-पीटकर हत्या कर दी उसने जेल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाया है। जिस तरह से मुस्तफा के बारे में सामने आ रहा है कि वो पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया के कार्यकर्ता रहें हैं और उन पर बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रशांत पुजारी की हत्या का आरोप था उससे स्पष्ट होता है कि यह मामला पूर्णतः राजनीतिक है।

रिहाई मंच ने मांग की कि ऐसे समय में जब पूरे देशभर की जेलों में मुस्लिम कैदियों की लगातार हत्याएं होे रही हैं ऐसे में जरुरी है कि देश भर की जेलों में मुस्लिम कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।