लखनऊ: शादियों में नोटों की बारिश आपने देखी होगी, लेकिन नोटों को बहते हुए देखने का मौका शायद न मिला हो. नदी में नोटों को बहते हुए देखने का नजारा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में देखने को मिला.

मिली जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर के कोतवाली क्षेत्र के नारघाट स्थित गंगा में लाखों रुपये तैरते दिखे. यह नोट 500 और 1000 के थे, जिन पर सरकार पाबंदी लगा चुकी है.

मिर्जापुर में यह खबर फैलते ही इसे देखने के लिए किनारे पर लोगों की भीड़ लग गई, कुछ लोग नदी में कूदे भी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी. क्योंकि नदी में नोट फाड़कर फेंके गए थे. इससे पहले बरेली में नोट जलाने की खबरें आई थीं.

गुरुवार को भी एक ऐसे ही मामले में पुणे में नगर निगम की एक कूड़ा उठाने वाली महिला को एक हजार के 52 नोट सड़क किनारे एक प्‍लास्टिक की थैली में मिले. उसने उनके बारे में तत्‍काल अपने सुपरवाइजर को बताया. बाद में पुलिस को मामले की जानकारी दी गई. पुलिस नोटों की असलियत और इसके मालिक का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
इससे पूर्व आज यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों को दिक्कत हो रही है. 30 नवंबर तक पुराने नोट चलने दें. इस चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि अब भी बहुत बड़ी आबादी बीमारियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर है. ऐसे में 8 नवंबर को अचानक 500 और 1000 के नोटों का चलन बंद किए जाने से खासकर निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी दिक्कतें हो रही हैं. कई मरीजों के लिए यह स्थिति जानलेवा भी हो रही है.

इससे पहले मुलायम सिंह यादव इस फैसले को टालने की बात कह चुके हैं. बसपा सुप्रीमो मायावाती ने भी सरकार के कदम को आर्थिक आपातकाल करार दिया.