नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के 500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले की सराहना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को कहा है कि इस फैसले से आम आदमी को कोई परेशानी नहीं होगी, और इस कदम को उठाने के पीछे सरकार का मकसद आतंकवादियों को फंडिंग तथा हवाला कारोबार पर नकेल कसना था. शाह से जब शादियों में हो रही दिक्कतों के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जहां तक मुमकिन हो अभी कुछ ऐसे मौकों पर चेक का ही इस्तेमाल किया जाए.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी बैंककर्मियों का भी अभिनंदन करना चाहती है, क्योंकि उन्होंने जनता के साथ पूरा सहयोग किया. बीजेपी प्रमुख ने इसके साथ ही जनता से भी अपील की शुरुआती दिक्कतों को बर्दाश्त करें, क्योंकि इस कदम से आगे चलकर देश को फायदा होगा.

अमित शाह ने कहा कि जाली नोट और काले धन को खत्म करना बहुत ज़रूरी था, क्योंकि उनकी वजह से देश आगे नहीं बढ़ पा रहा था, इसलिए विमुद्रीकरण किया, लेकिन छोटे व्यापारियों, किसानों तथा गृहिणियों का पूरा ध्यान रखा गया.

बीजेपी प्रमुख ने हैरानी जताई कि सरकार के फैसले की चौतरफा तारीफ होने के बावजूद विपक्षी दलों को इससे परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की विरोधी प्रतिक्रिया की वजह से वे बेनकाब हो गई हैं.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम को गरीब-विरोधी बताने पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर अमित शाह ने कहा, "सिर्फ ममता जी ही बता सकती हैं कि यह कदम गरीब-विरोधी कैसे है…" उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी काले धन पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा.