नई दिल्ली: काले धन पर अंकुश लगाने की मुहिम के तहत नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि 50 दिन की निर्धारित अवधि के भीतर ढाई लाख रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति पर टैक्स और जुर्माना दोनों ही देना होगा.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बुधवार रात इस बाबत कहा, ''10 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर के भीतर ढाई लाख रुपये से अधिक जमा करने वाले हर खाते की रिपोर्ट रखी जाएगी…टैक्स विभाग इसको जमाकर्ता के इनकम टैक्स रिटर्न्स से इसका मिलान करेंगे और हिसाब नहीं मिलने पर उचित कार्यवाही की जाएगी.''
इस मामले में जमाकर्ता की घोषित राशि का रिकॉर्ड नहीं मिलने को कर चोरी के रूप में देखा जाएगा. उन्होंने कहा, ''इसको कर चोरी के केस के रूप में देखा जाएगा और इस संबंध में आयकर एक्ट के सेक्शन 270(ए) के तहत उस पर पैनल्टी और 200 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जाएगा.''
इससे पहले अरुण जेटली ने भी बुधवार सुबह स्पष्ट किया कि बैंकों में पुराने 500 और 1,000 के नोट जमा कराने पर किसी तरह की ‘कर माफी’ नहीं मिलेगी और इस तरह के धन के स्रोत पर कर कानून लागू होगा.
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