अजीज की शागिर्दी ने असर को बड़ा शायर बनायाः रिजवान अहमद

लखनऊः असर लखनवी अपने हमअसर शायरों में सबसे बड़े शायर थे। असर दबिस्ताने लखनऊ की शायरी में नुआईंदा और चुनिन्दा शायरों में गिने जाते हैं। उन्होंने कलासिकल शायरी ज्यादा की इन बातों को आज के सेमिनार की अध्यक्षता कर रही प्रो0 आसिफा जमानी ने वोकेशनल इंडिस्ट्रीयल एजूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के तत्वाधान में उर्दू अकेडमी के माली सहयोग से आयोजित संगोष्ठी में ’’मिर्जा जाफर अली खान असर लखनवी की शायरी व अदबी खिदमात’’ विषय पर गोमतीनगर हिन्दी मीडिया सेन्टर में कहीं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि रिजवान अहमद (पूर्व डी0जी0पी0) ने कहा कि असर लखनवी बचपन से ही शेरो शायरी का शौक रखते थे। और बाद में अजीज की शागिर्दी ने असर को बुलन्दियों तक पहुचाया, रिजवान अहमद ने सोसायटी के सिक्रेट्री अब्दुल नईम को भी मुबारकबाद दी, कि उन्होंने उर्दू के एक बड़े शायर पर सेमिनार मुनअकिद कराया।

संगोष्ठी का संचालन सोसायटी के सेक्रेट्री अब्दुल नईम कुरैशी ने किया और उन्होंने अपनी सोसायटी के अगराज व मकासिद भी बयान किये। और बाद में खुबसूरत नात भी पेश की। कार्यक्रम का आरम्भ तिलावत-ए-कलाम पाक से मौलाना अब्दुलाह सिददीकी ने किया। और अब्दुल नईम कुरैशी ने मेहमानों का गुलदस्ता पेश कर इस्तिकबाल किया। संगोष्ठी को विशेष अतिथि नौमान आजमी प्रो0 के0के0 रस्तोगी, अनीसुर्रहमान, चौधरी सलमान कादिर ने भी खिताब किया।

असर लखनवी पर अपना पेपर पढ़ते हुए जियाउल्लाह सिददीकी नदवी ने कहा कि असर ने अदब और सियासत को बहुत सलीके से बरता है। और उन्होंने शायरी की हर किस्म पर अशआर कहे हैं। डा0 मसीहुददीन ने कहा कि वह एक अच्छे शायर होने के साथ साथ अच्छे इंसान भी थे। डा0 मुजाहिदुल इस्लाम ने कहा कि मैं तालिबे इल्मी के जमाने से ही असर साहब से बहुत प्रभावित था। अकील अहमद फारूकी ने असर की जिन्दगी से मौत तक पर तफसीली पेपर पढ़ा।

इस मौके पर शहर के मोअज्जज हसतियों में हातिम सिददीकी, मौलाना फरमूदुल हसन, शहनवाज कुरैशी, जियाउल्लाह सिददीकी, चौधरी आले उमर कुरैशी, गुफरान खां, अब्बास मौसूवी, अब्दुल्लाह सिददीकी, मो0 अल्लन सिददीकी, भोपेन्द्र सिंह, विवेक कुशवाहा, गुफरान किदवाई और डा0 निसार अहमद आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।