नई दिल्ली: अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने की खातिर केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, यानी आरएसएस के शीर्ष नेता शुक्रवार को लगभग 30 केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं. इस बैठक को समन्वय बैठक का नाम दिया गया है, और इसमें यही सुनिश्चित किया जा रहा है कि बीजेपी तथा आरएसएस के बीच महत्वपूर्ण चुनाव को लेकर पूरा सामंजस्य बना रहे.

आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "ज़रूरत है कि बीजेपी तथा आरएसएस मिलकर उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए उसी तरह अपनी रणनीति का आकलन कर लें, जैसा हमने असम में चुनाव के वक्त किया था… आरएसएस नहीं चाहता कि (उत्तर प्रदेश में भी) बिहार जैसी स्थिति बने, जहां समन्वय में कमी ने नतीजों को प्रभावित किया था…"

एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरएसएस उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए एक आचार संहिता भी निश्चित कर देना चाहती है. पिछले साल हुए बिहार चुनाव के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तथा जनरल वीके सिंह जैसे बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों से पार्टी को वोटरों का मन जीतने में दिक्कतें पेश आई थीं, और बीजेपी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन से मिली करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बहुत साल बाद अपने लिए सरकार बनाने का यह बेहतरीन मौका लग रहा है, और इसीलिए उसका ज़ोर समन्वय पर है. पार्टी ने हालांकि अभी यह तय नहीं किया है कि चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा कौन होगा, और फिलहाल वह चुनाव के लिए एजेंडा भी तलाश ही कर रही है, जिसके गिर्द वह अपने प्रचार अभियान की रूपरेखा बुनेगी.

एक मंत्री के अनुसार, बैठक का उद्देश्य सरकार की नीतियां बनाने वाले मंत्रियों तथा वोटरों तक संदेश पहुंचाने के लिए पार्टी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आरएसएस के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करना भी है. शुक्रवार की बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि नरेंद्र मोदी सरकार की गरीबों के लिए चलाई गई योजनाओं के बारे में जनता को कैसे जानकारी दी जानी चाहिए.

सूत्रों ने कहा कि बैठक में न सिर्फ उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए, बल्कि पंजाब और गुजरात जैसे अन्य राज्यों में वर्ष 2017 में होने जा रहे चुनाव के लिए भी रणनीति पर चर्चा की जा सकती है.

बताया जाता है कि बैठक की अध्यक्षता आरएसएस के उपप्रमुख दत्तात्रेय होसबोले कर रहे हैं, जो सुबह 8 बजे शुरू हो गई थीं, और छोटे-छोटे हिस्सों में की जा रही हैं. महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी बीच में पहुंच सकते हैं, और गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा वित्तमंत्री अरुण जेटली उन मंत्रियों में शामिल हैं, जो इस बैठक में शिरकत कर रहे हैं.

आरएसएस तथा बीजेपी के बीच इस तरह की समन्वय बैठकें हर साल होती हैं, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है, जबकि पिछले साल उन्होंने इस बैठक में शिरकत की थी.