रबूपुरा: जहां उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री ’’रथ यात्रा’’ के माध्यम से प्रदेश में विकास और कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति का ढिंडोरा पीटने को आतुर नजर आ रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश का मुख्य द्वार कहे जाने वाली नोएडा पुलिस का रवैया और अपराध को लेकर उनकी सोच से जनपद के लोग आक्रोशित हैं।
ज्ञात रहे कि दिनांक 1/2 नवम्बर 2016 की रात्रि को जनपद गौतमबुद्धनगर के रबूपुरा थाना क्षेत्र के गांव करौली गांव में यमुना एक्सप्रेस-वे से लगे हुए भटटे पर 03 महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक 06 सशस्त्र बदमाशों ने सामूहिक बलात्कार और डकैती की घटना को अंजाम दिया, उससे लगभग 05 घंटे पूर्व भटटे के पास ही श्रीमति सरवेश पत्नि श्री करन सिंह जाटव, निवासी ग्राम फलैदा के साथ 06 सशस्त्र बदमाशों ने डरा-धमकाकर हथियारों के बल पर राहजनी व डकैती की घटना को अंजाम दिया, जिसकी तहरीर दिनांक 02 नवम्बर 2016 को समय प्रातः 10 बजे थाना हाजा पर दे दी गयी थी। यद्दपि श्रीमति सरवेश देवी के साथ हुई घटना की सूचना घटना के 01 घंटे के अंदर ही कंट्रोल रूम को दे दी गयी थी, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से इस घटना का संज्ञान न लिये जाने के कारण 05 घंटे बाद 06 सशस्त्र बदमाशों द्वारा ही भटटे पर सामूहिक बलात्कार और डकैती की घटना को अंजाम दिया गया। दिनांक 02 नवम्बर 2016 को प्रातः काल में दी गयी तहरीर में 06 व्यक्तियों को लूट करते हुए दिखाया गया था, जबकि पुलिस द्वारा श्रीमति सरवेश देवी के पति श्री करन सिंह पर रात में दबाव बनाकर एक नई तहरीर लिखवाई गयी, जिसमें 04 बदमाशों को लूट करते हुए दिखाये जाना व 02 बदमाशों को दूर खडा होना अंकित करवाया। पुलिस द्वारा कराये गये शाब्दिक हेर-फेर के कारण भारतीय दण्ड विधान की धारा 395 की वजाय धारा 394 दर्ज कर, पुलिस ने संगीन अपराधों की श्रेणी को छिपा लिया। दी गयी दोनो तहरीर और एफआईआर की काॅपी इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न की जा रही है।

सामूहिक बलात्कार और डकैती की घटना के पीडित परिवारों से आज वरिष्ठ किसान नेता व उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ठाकुर धीरेन्द्र सिंह व क्षेत्र के सभ्रान्त लोग ढांढस देने घटनास्थल पर पहुॅचे तथा उन्हे न्याय दिलाये जाने का पूरा भरोसा दिलाया। धीरेन्द्र सिंह ने पीडितो को आश्वस्त करते हुए कहा कि ’’यह घटना पुलिस की लिए ही नही क्षेत्र के उन सीधे-साधे लोगों के लिए भी खुली चुनौती है, जो अब तक अपने आप को सुरक्षित समझ रहे थे, लेकिन प्रात 10 बजे से शाम को 07 बजे तक पीडित महिलाओं की डाक्टरी किये जाने के लिए जिला अस्तपाल पर उन्हें प्रताडित करना, डकैती की घटना को लूट में तब्दील करना तथा पीडित महिलाओं को बार-बार थाने पर बुलाकर उनपर नाजायज दबाव बनाना व समय पर सूचना हो जाने के उपरान्त भी पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही न किये जाना कुछ ऐसे प्रश्न है, जिनका हिसाब पुलिस को देना ही होगा।’’
घटना स्थल पर ही क्षेत्र के लोगों की एक बैठक में तय किया गया कि ’’पुलिस की ढील और गैरजिम्मेदाराना रवैये को देखते हुए, दिनांक 05 नवम्बर 2016 को भारी संख्या में क्षेत्र के लोग गरीब मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस का घेराव करेंगे।’’

बैठक में मुख्य रूप से चौ० हरीश सिंह, नीरपाल सिंह, अमरपाल सिंह, चौ० उदयवीर सिंह, ठाकुर सामलिया सिंह, ठाकुर तेजपाल सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, सुशील कौशिक, भूपेश सिंह, सुरेशचंद शर्मा, भगत सिंह, राजकुमार शर्मा, मेघराज सिंह, मौज्जम खांन आदि अनेकों लोग मौजूद रहे।