लखनऊ: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव समेत कार्यकर्ताओं की, जब वे मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा भोपाल में आठ सिमी सदस्यों को कथित ‘मुठभेड़’ में मार गिराने की सत्यता पर सवाल उठाते हुए बुधवार को यहां जी पी ओ पार्क में धरना देने जा रहे रहे थे, पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई करने की कड़ी निंदा की है। पार्टी की एक टीम ने गुरुवार को मंच के कार्यालय जाकर घायलों का हालचाल लिया।
माले के राज्य सचिव रामजी राय ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार का राजधानी में शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों और लोकतंत्र की मांग करने वालों से निपटने का हाल का तरीका आपातकाल के दिनों की याद दिलाने लगा है। लोहिया का माला जपने वाली पार्टी तानाशाहीपूर्ण आचरण कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपाई हुकूमतों की विफलताओं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव करीब आने के साथ सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की संघ-भाजपा की कोशिशों पर सवाल उठाना प्रदेश की सपा सरकार को भी पसंद नहीं है। यदि ऐसा नहीं है, तो शिवराज सिंह (मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री) की पुलिस की कथित बहादुरी पर सवाल उठा कर लखनऊ में धरना देने वालों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पुलिस लाठियां नहीं बरसाती। बहरहाल, उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और सूबे का चुनाव ज्यादा दूर नहीं है। उन्होंने मंच के धरने पर हमला करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।